- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अखिल भारतीय प्रबंधन संघ द्वारा आयोजित 46 वें राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन की अध्यक्षता की
- लक्ष्यों और उद्देश्यों को सुनिश्चित करने के लिए विचारों और कार्यों में तालमेल रखना आवश्यक है
- हवाई हमले और सर्जिकल स्ट्राइक से दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला
पटना। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 46 वें राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन की अध्यक्षता की। कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय प्रबंधन संघ द्वारा किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर श्री शाह ने कहा कि यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि प्रधानमंत्री ने पिछले पांच वर्षों में प्रत्येक नागरिक को विश्वास दिलाया है कि 21 वीं सदी भारत की हो सकती है। श्री शाह ने हैदराबाद में पुलिस कार्रवाई करने के अपने साहसिक निर्णय के लिए सरदार पटेल को भी याद किया जिसके कारण 1948 में इस दिन भारत के साथ राज्य का विलय हुआ।
न्यू इंडिया का विज़न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है
श्री शाह ने कहा कि न्यू इंडिया का विज़न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक सुरक्षितए समृद्ध और प्रगतिशील भारत का विज़न है। उन्होंने कहा कि इस तरह के दृष्टिकोण को प्रबंधन के कुछ सबसे बुनियादी सिद्धांतों का पालन करके प्राप्त किया जा सकता है। लक्ष्यों और उद्देश्यों को सुनिश्चित करने के लिए विचारों और कार्यों में तालमेल रखना तथा सभी को साथ लेकर चलना आवश्यक है।
पांच साल भारत के लिए परिवर्तनकारी रहे हैं
श्री शाह ने कहा कि पिछले पांच साल भारत के लिए परिवर्तनकारी रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी ने पिछले पांच वर्षों में मजबूत और निर्णायक नेतृत्व प्रदान किया और विकास और सावधानीपूर्वक निष्पादन के माध्यम से राष्ट्रीय विकास के उद्देश्यों को निर्धारित किया। श्री शाह ने सरकार के पहले कार्यकाल में जीएसटीए विमुद्रीकरण,सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट हवाई हमले और जन धन योजना जैसे साहसिक फैसलों की बात की और दूसरे कार्यकाल में ट्रिपल तालाक के निरस्तीकरण के साथ ही धारा 370 को निरस्त करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हर अभूतपूर्व सुधार में शुरुआती समस्याएं होती हैं और ऐसे फैसलों का फल लेने के लिए लोगों को धैर्य रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार हमेशा लोगों और राष्ट्र के लिए बेहतरीन परिणाम को ध्यान में रखते हुए फैसले लेती है। श्री शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को निरस्त करने के साथ ही अखंड भारत के सपने को साकार किया गया है। उन्होंने कहा कि धारा 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर में कोई आतंकवादी हमला या हिंसा की घटना नहीं हुई है।