पटना। आज पटना के अधिवेशन भवन में जल संसाधन विभाग,आइआइएम, अहमदाबाद तथा ऑस्ट्रेलियन सेंटर फॉर इंटरनेशनल एग्रीकल्चर रिसर्च एवं आसाम व तेलंगाना के जल संसाधन विभागों के संयुक्त तत्वावधान में उत्पादक एवं सतत कृषि कुशल एवं सहभागी सिंचाई संस्थाओं की उपयोगिता विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा के द्वारा किया गया। इस मौके पर उपस्थित विशेषज्ञों द्वारा ऑस्ट्रेलियाए थाईलैंड, बिहार, असम और अन्य जगहों पर विभिन्न सरकारी व गैर.सरकारी संस्थानों द्वारा आम लोगों में सिंचाई प्रणालियों के इस्तेमाल और उसके प्रभावों पर किए गए अध्ययनों के आधार पर चर्चा की गयी।
पर्यावरण संरक्षण के लिए बिहार सरकार की अनूठी पहल है
इस अवसर पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए संजय कुमार झा ने जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों और उनसे निपटने के लिए बिहार सरकार की पहल जल जीवन हरियाली अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विशेषज्ञ लीन क्रेस ने कहा कि मूल रूप से बिहार सरीके क्षेत्रों में सहभागी सिंचाई की विशेष अहमियत है तथा थाईलैंड जैसे देशों के अनुभव बताते हैं कि समुदाय के सहयोग से इसे अत्यंत प्रभावशाली बनाया जा सकता है। मंत्री श्री झा ने वर्षा जल के संचय पर शुरू की जा रही गंगा लिफ्ट पाइप लाइन योजना जिससे दक्षिण बिहार के तीन जिलों में गंगा जल पहुँचाया जायेगा को जल जीवन हरियाली अभियान के तहत अपने विभाग की विशेष योजना बताया। बिहार के जल संसाधन विभाग की इस अभियान में एक अहम भूमिका है। अहमदाबाद के प्रोफ़ेसर वसंत गाँधी ने अपने वक्तव्य में जल संसाधन विभाग द्वारा दिए गए सहयोग की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया।