इफ्फी-53 में दिखेगी ज्‍यां-लुक गोदार्द के जीवन की झलक

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इफ्फी-53 विख्‍यात फ्रेंच-स्विस फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और फिल्म समीक्षक ज्यां-लुक गोदार्द को श्रद्धांजलि दे रहा है और इस सिने उत्सव के महत्‍वपूर्ण हिस्‍से में इस फिल्मकार की बनाई कुछ बेमिसाल फिल्मों को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जा रहा है। एशिया के इस सबसे पुराने फिल्म महोत्‍सव में इस वर्ष फ्रांस को फोकस कंट्री बनाया गया है और ऐसे में फ्रेंच सिनेमा का उत्सव इस महोत्‍सव का एक अन्‍य आकर्षण भी है। निश्चित तौर पर गोदार्द फ्रांसीसी सिनेमा का एक महत्‍वपूर्ण व्यक्तित्व है! 1960 के दशक के दौरान गोदार्द, फ्रांकोइस ट्रूफ़ोट, एग्नेस वर्दा, एरिक रोमर और जैक्स डेमी जैसे फिल्म निर्माताओं के साथ फ्रेंच न्यू वेव फिल्म आंदोलन के अग्रणी के तौर पर उभरे। यकीनन वह युद्ध के बाद के दौर के सबसे प्रभावशाली फ्रांसीसी फिल्म निर्माता थे। अपने शुरुआती दिनों में गोदार्द ने प्रभावशाली पत्रिका ‘कैहियर्स डू सिनेमा’ के लिए फिल्म समीक्षक के रूप में कार्य करते हुए मुख्यधारा के फ्रांसीसी सिनेमा की ‘गुणवत्‍ता की परंपरा’ की आलोचना की, जिससे नवाचार और प्रयोग का महत्‍व घट गया। इसके जवाब में, उन्होंने और उनके समान विचारधारा रखने वाले आलोचकों ने फ्रांसीसी सिनेमा के अलावा पारंपरिक हॉलीवुड परंपराओं को चुनौती देते हुए अपनी फिल्में बनाना शुरू कर दिया। उनके काम में बार-बार सम्‍मान और फिल्म इतिहास के संदर्भों का उपयोग किया जाता है, और वह अक्सर अपने राजनीतिक विचारों को व्यक्त करते हैं। इस महान फिल्‍मकार ने इसी साल 13 सितंबर को दुनिया को अलविदा कह दिया।

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