डेंगू को लेकर अलर्ट मोड में पटना जिला प्रशासन

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जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने डेंगू के रोकथाम हेतु सभी तरह के निरोधात्मक एवं सतर्कतामूलक कार्रवाई करने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, रेफरल अस्पतालों तथा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रैपिड रिस्पॉन्स टीम को सतत सक्रिय रखें। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार डेंगू के आज 95 मामले एवं इस वर्ष अभी तक 1939 मामले आए। डीएम डॉ सिंह ने निर्देश दिया कि फागिंग एवं टेमीफाॅस का नियमित छिड़काव किया जाए। उन्होंने कहा कि अन्तर्विभागीय समन्वय द्वारा डेंगू के प्रसार पर नियंत्रण लगाया जा सकता है। सभी नगर निकायों, पंचायती राज संस्थाओं, स्वास्थ्य विभाग, पीएचईडी तथा ग्रामीण विकास विभाग सहित सम्बद्ध विभागों के पदाधिकारियों को सार्थक समन्वय स्थापित करते हुए प्रतिबद्ध रहना होगा। डीएम डॉ. सिंह ने डेंगू एवं चिकनगुनिया, बुखार के क्लिनिकल प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय दिशा-निदेशों के अनुरूप प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने का निदेश दिया है। उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि इन बीमारियों के लक्षणों एवं क्या करें, क्या ना करें का बृहत् का स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाए।

डेंगू एवं चिकनगुनिया को नियंत्रित करने के लिए संदिग्ध मरीजों की निगरानी रखना आवश्यक है।

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डेंगू: कारण एवं लक्षण

डेंगू बीमारी एडिज नामक मच्छर के काटने से होती है, एडिज मच्छर दिन के समय काटता है।

डेंगू के लक्षण

• अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार

*मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना

• आँखों के पीछे दर्द होना, जो कि आँखों को घुमाने से बढ़ता है

•जी मिचलाना एवं उल्टी होना

• गंभीर मामलों में नाक, मुँह, मसूड़ों से खून आना
• त्वचा पर चकत्ते उभरना

बचाव के उपाय

• एडिज के मच्छर स्थिर साफ पानी में पनपते हैं

• कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करें व धूप में सुखाकर प्रयोग करें।

• नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायरों में पानी जमा न होने दें।

• घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली / परदे लगायें।

डीएम डॉ सिंह ने जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ0 सुभाष चन्द्र प्रसाद को सजग एवं सक्रिय रहने का निर्देश दिया है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि डेंगू से बचाव हेतु जन-जागरूकता उत्पन्न करने के लिए वृहत प्रचार-प्रसार किया जाए। स्वास्थ्य केंन्द्रो, विद्यालयों एवं अन्य स्थानों पर आई.ई.सी. सामग्री का प्रदर्शन किया जाए।

डीएम डॉ. सिंह ने आम जनता में डेंगू बुखार के बारे में जागरूकता अभियान के तहत आशा, ए.एन.एम. तथा जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर चर्चा एवं गोष्ठी का आयोजन करने का निदेश दिया। उन्होंने नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों को साफ सफाई एवं जलजमाव रोकने पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य प्रशिक्षकों द्वारा पटना नगर निगम में फॉगिंग का निरंतर पर्यवेक्षण कराया जाए। डेंगू के सम्पुष्ट मरीज के आस-पास 500 मीटर रेडियस में तुरंत टेक्निकल मालाथियोन की फॉगिंग कराना सुनिश्चित करें ।

सभी अंचलों को डेंगू /चिकनगुनिया प्रतिवेदित मरीजों की लाईन लिस्ट निरोधात्मक कार्रवाई के तहत टेक्निकल मालाथियोन की फॉगिंग कराने हेतु ससमय उपलब्ध करा दी जाती है।

लार्वानाशी कार्रवाई के तहत पटना नगर अन्तर्गत जल-जमाव वालों स्थानों तथा डेंगू प्रतिवेदित मुहल्लों में टेमीफॅास का छिड़काव सघन रूप से टीमों के द्वारा फाइलेरिया निरीक्षक के देखरेख में किया जा रहा है।

निरोधात्मक कार्रवाई के तहत लाईन लिस्ट प्राप्त होने पर सूक्ष्म कार्य योजना बनाकर मरीज के घर के 500 मीटर के रेडियस मेे टेक्निकल मालाथियॉन की फौंगिंग कराई जाती है। अबतक लाईन लिस्ट में प्रतिवेदित मरीजों के विरूद्ध विगत दिन तक लगभग 1755 मरीजों के घर एवं उनके घरों के आसपास फौंगिंग कराया जा चुका है।

वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, बिहार के गाईडलाईन्स के अनुसार डेंगू नियंत्रणार्थ गतिविधियों में और अधिक गतिशीलता लाने हेतु सभी स्वास्थ्य केन्द्रों को निर्देशित किया गया है। आशा/आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा डेंगू/चिकनगुनिया मरीज के क्षेत्र में एक्टिव सर्विलान्स कराने को निर्देशित किया गया है।

डेंगू एवं चिकनगुनिया के नियंत्रण हेतु जिला द्वारा की गई तैयारी
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पीएमसीएच में 47 बेड एवं एनएमसीएच में 30 बेड सुरक्षित है। सभी बेडों को मच्छरदानीयुक्त किया गया है।

याद रहे हर बुखार डेंगू नहीं होता है।

कतिपय निजी जाँच घरों एवं अस्पतालों द्वारा डेंगू की जाँच रैपिड डायग्नोस्टिक कीट (RDT Kit) से कर Ns1 Positive परिणाम परिदर्शित होने पर उसे डेंगू बुखार घोषित कर दिया जा रहा है जिससे लोगों में भय एवं भ्रांति की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना रहती है। रैपिड डायग्नोस्टिक कीट जाँच से संदिग्ध डेंगू चिन्हित किए जा सकते हैं किन्तु यह जाँच रोग को सम्पुष्ट (Confirm) नहीं करता है।

भारत सरकार के निर्देशानुसार डेंगू बुखार की सम्पुष्ट जाँच (Confirmation test) सिर्फ ELISA based NS1 एवं IgM कीट से ही किया जाना है।

जिला के निम्नलिखित चिन्हित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में ELSA based NS1 एवं IgM कीट से निःशुल्क जाँच की व्यवस्था उपलब्ध है:

पटना चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, अशोक राजपथ, पटना

नालन्दा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, पटना

इन्दिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, बेली रोड, पटना

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, फुलवारीशरीफ, पटना

राजेन्द्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान ( RIRIMS) अगमकुआं पटना

आमजन को सूचित किया जाता है कि रैपिड डायग्नोस्टिक कीट (RDT Kit) से यदि Ns1 Positive हो तो उसकी सम्पुष्टि (Confirmation) निःशुल्क रूप से मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में अवश्य करायें। “असामाजिक तत्वों के बहकावे में न आयें, सरकारी अस्पतालों में डेंगू एवं चिकनगुनिया की निःशुल्क जाँच एवं उपचार करायें” डीएम डॉ सिंह ने निर्देश दिया कि डेंगू के रोकथाम के लिए प्रत्येक प्रखंड में *रोगी कल्याण समिति के माध्यम से रैपिड टेस्ट किट की उपलब्धता सुनिश्चित रहनी चाहिए। सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी रैपिड टेस्ट किट से डेंगू की स्क्रीनिंग सुविधा उपलब्ध है। प्रखण्ड अन्तर्गत सभी निजी अस्पतालों, चिकित्सकों एवं अन्य को प्रत्येक डेंगू मरीजों को सूचित करने के संबंध मेे निर्देश निर्गत किया गया है। मेडिकल, पारा मेडिकल एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों यथा डॉक्टर, एएनएम, जीएनएम, आशा को साप्ताहिक बैठक में ट्रेनिंग के माध्यम से डेंगू बुखार के संबंध में जागरूक किया गया है ताकि मरीजों की पहचान कर ससमय उपचार सुनिश्चित किया जा सके। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि डेंगू के उपचार हेतु सभी सरकारी अस्पतालों में दवा आदि की व्यवस्था हमेशा उपलब्ध रहेगी।डेंगू बुखार के लक्षण एवं बचाव के उपायों यथा कुलर, फ्रिज के ट्रे मेें एक सप्ताह से अधिक पानी न रहने देना, प्रयोग में न लाये जाने वाले पात्र, टॉयर, नारियल के खोखे आदि नष्ट करना , सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग, दिन के वक्त मच्छर से बचने के लिए पूरी आस्तिन वाले व शरीर को ढकने वाले वस्त्र पहनना तथा घर के आस -पास साफ-सफाई रखना एवं पानी की टंकियों व पात्र आदि को ढक कर रखने आदि से जनता को अवगत कराने हेतु आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं पंचायतीराज प्रतिनिधियों की बैठक में नियमित कार्रवाई की जाय। डेंगू की पुष्टि होने पर मरीज के घरों के आस-पास एक्टिव सर्विलेंस करायी जाय ताकि नये मरीजों की पहचान हो सके।

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