मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में परेड की सलामी लेने के पश्चात् 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झण्डोत्तोलन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय-2 के तहत युवाओं को नौकरी एवं रोजगार सृजन का पूरा प्रयास किया जायेगा। सरकारी नौकरियों के रिक्त पदों पर तेजी से बहाली की जा रही है। युवाओं को नौकरी एवं रोजगार के लिये सब कुछ करेंगे। हमलोग अब एक साथ हैं। हमलोगों का कान्सेप्ट है कि कम से कम 10 लाख कर दें। बच्चे-बच्चियों की नौकरी के लिये भी और उसके अलावा हर तरह से उनके रोजगार के लिये काम करेंगे। नौकरी और रोजगार दोनों का इंतजाम करायेंगे। सरकारी और सरकार के बाहर भी हर तरह से इस पर काम करायेंगे। हमलोगों का मन है कि इसको 20 लाख तक पहुचायें। इसके लिये पूरी तौर पर हर जगह काम करेंगे। इस वर्ष मानसून की बेरूखी के कारण सूखे की स्थिति हुई है। जुलाई माह में पूरे राज्य में औसत वर्षापात से 60 प्रतिशत कम वर्षा हुई जिसके कारण सूखे की स्थिति उत्पन्न हुई और जिससे फसलों की रोपनी समय पर नहीं हो सकी। 1 जून से 14 अगस्त तक औसत वर्षापात में 39 प्रतिशत की कमी हुई है जिससे धान रोपणी 80 प्रतिशत ही हो पायी है। सूखे की स्थिति से निपटने के लिए किसानों को बिचड़ा एवं फसलों की सिंचाई हेतु डीजल अनुदान 60 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 75 रुपये प्रति लीटर दिया जा रहा है। डीजल अनुदान के लिए अभी तक लगभग 1 लाख 2 हजार आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिसमें से 48 हजार 506 आवेदनों का सत्यापन हो गया है तथा 11 हजार 243 किसानों को डीजल अनुदान दिया जा चुका है, आगे सभी इच्छुक लोगों को इसका भुगतान किया जायेगा। अच्छी खासी संख्या में किसानों के द्वारा डेडीकेटेड कृषि फीडर के तहत उपलब्घ विद्युत कनेक्शन से सिंचाई की जा रही है। कृषि कार्यों के लिए बिजली दर को पहले ही घटाकर 65 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है जिससे बिजली से सिंचाई करना लगभग 20 गुणा सस्ता पड़ता है। कृषि के लिए प्रतिदिन 16 घंटे बिजली की निर्बाध आपूर्ति की जा रही है। कृषि कार्य से जुड़े ट्रान्सफार्मर यदि खराब होते हैं तो उन्हें तत्काल बदला जा रहा है। जो किसान धान की रोपणी नहीं कर पायेंगे उनके लिए आकस्मिक फसल योजना के तहत कम अवधि की फसलें जैसे मक्का, कुल्थी, उड़द, तोरिया, मटर, भिंडी आदि के बीज निःशुल्क उपलब्ध कराने की पूरी तैयारी की जा चुकी है ताकि किसानों को राहत मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कानून का राज स्थापित है। हमारा उद्देश्य है कि जो लोग क्राइम करते हैं, उन पर पुलिस अपना काम करे और कोई भी अपराधी बच न पाये। इसलिए हर थाने के कार्य को दो हिस्सों में बांटा गया। एक हिस्से में केसों का अनुसंधान तथा दूसरे हिस्से में विधि-व्यवस्था को रखा गया है। इसके लिए पुलिस कर्मियों एवं पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गयी है ताकि ठीक ढंग से कार्रवाई हो सके। पुलिस बल की संख्या में बढ़ोतरी की गयी है। पुलिस के लिए वाहन एवं अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं। हाल ही में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए डायल 112 की इमरजेंसी सेवा प्रारंभ की गयी है। इसके तहत अपराध की घटना, आगजनी, वाहन दुर्घटना, मेडिकल इमरजेंसी आदि की सूचना पटना स्थित कॉल सेंटर में आने पर तत्काल पुलिस सहायता एवं आवश्यकतानुसार फायर ब्रिगेड एवं एम्बुलेंस की सहायता भी पहुँचायी जाती है। राज्य में साम्प्रदायिक सौहार्द्र का माहौल कायम है। शुरू से ही साम्प्रदायिक घटनाओं में लगातार कमी आयी है। साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं के प्रकाश में आने पर पुलिस एवं प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई की जा रही है। वर्ष 2006 से ही कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरू की गयी है जिसमें राज्य की मिली-जुली आबादी वाले इलाके में अवस्थित एवं संवेदनशील कब्रिस्तानों की घेराबंदी की जा रही है। अब तक चिन्ह्ति 9 हजार 452 में से 7 हजार 200 कब्रिस्तानों की घेराबंदी कर ली गयी है और यह काम लगातार जारी है। वर्ष 2016 से बिहार मंदिर चहारदीवारी निर्माण योजना शुरू की गयी है क्योंकि मंदिरों में यदा-कदा मूर्ति चोरी आदि की घटनाएं हो जाती है। इसके अंतर्गत 60 वर्ष से पुराने धार्मिक न्यास पर्षद् में निबंधित मंदिरों की घेराबंदी की जा रही है, इसमें अब तक 295 मंदिरों की चहारदीवारी की जा चुकी है। आगे चलकर आवश्यकतानुसार 60 वर्ष से कम पुराने मंदिरों की चहारदीवारी के काम को आगे बढ़ाया जायेगा। सात निश्चय-2 के तहत सभी शहरों एवं महत्वपूर्ण नदी घाटों पर विद्युत शवदाह गृह सहित मोक्षधाम निर्माण का निर्णय लिया गया है इसमें परम्परागत शवदाह गृहों को ठीक कराकर लोगों को दाह-संस्कार एवं बैठने आदि की सुविधायें उपलब्ध कराते हुए मोक्षधाम के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही यहाँ पर विद्युत शवदाह गृह की भी व्यवस्था रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सड़कों तथा पुल-पुलियों का जाल बिछाकर, राज्य के सुदूर क्षेत्रों से 6 घंटे में राजधानी पटना पहुँचने का लक्ष्य पूरा कर लिया है। अब इस लक्ष्य को 5 घंटे किया गया है और इस पर आवश्यकतानुसार तेजी से कार्य जारी है। पटना में सुगम यातायात के लिए फ्लाई ओवर एवं ऐलिवेटेड रोड का जाल बिछाया गया है। अन्य जिलों में भी आर0ओ0बी0 एवं फ्लाईओवर का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पटना में दीघा से दीदारगंज तक जे०पी० गंगा पथ का निर्माण किया जा रहा है। जिसका शुभारम्भ 11 अक्टूबर, 2013 को किया गया था। 24 जून, 2022 से जे०पी० गंगा पथ के दीघा से पी0एम0सी0एच0 तक के भाग को लोगों के लिए शुरू किया गया है, इसे लेकर लोग बहुत उत्साहित हैं और हजारों की संख्या में लोग गंगा पथ को देखने जा रहे हैं। दीघा से दीदारगंज तक सम्पूर्ण परियोजना का कार्य फरवरी, 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। आगे जे०पी० गंगा पथ को पश्चिम में दानापुर से आगे शेरपुर तक ले जाने की योजना है, जहाँ पर गंगा नदी पर निर्मित होने वाले शेरपुर-दीघवारा 6-लेन पुल से भी सम्पर्कता हो जायेगी। पूरब में गंगा पथ को गंगा नदी पर बन रहे कच्ची दरगाह-बिदुपुर 6-लेन पुल से भी जोड़ा जायेगा। भविष्य में गंगा पथ को पूरब की ओर बख्तियारपुर-ताजपुर पुल तथा पश्चिम की ओर आरा-छपरा पुल से भी मिला दिया जायेगा। राज्य में पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों, पुल-पुलियों तथा सरकारी भवनों के मेंटेनेंस का कार्य विभागीय स्तर पर करने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए सभी संबंधित विभाग तैयारी कर रहे हैं। विभागीय तौर पर अब मेंटेनेंस के लिए इंजीनियर एवं अन्य कर्मियों की बहाली भी होगी। राज्य में ऐसे भवनों का निर्माण किया है जिनका भवन निर्माण और वास्तुकला की दृष्टि से विशेष महत्व है। पटना में सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र बनाया गया जिसमें ज्ञान भवन, बापू सभागार, सभ्यता द्वार का निर्माण कराया गया तथा परिसर में सम्राट अशोक की सांकेतिक प्रतिमा लगायी है। पटना में अंतर्राष्ट्रीय मानक के बिहार म्यूजियम का निर्माण कराया गया है। पटना म्यूजियम का भी विस्तार किया जा रहा है। दोनों म्यूजियम को भूमिगत मार्ग से जोड़ने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। सरदार पटेल भवन का निर्माण कराया गया है। यह भूकम्परोधी भवन है, जो 9 रिक्टर स्केल की तीव्रता वाले भूकम्प के झटके को सह सकता है। राज्य का गृह विभाग, पुलिस मुख्यालय एवं आपदा प्रबंधन विभाग इसी भवन में कार्यरत है। वर्ष 2012 में राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराया गया। उसके बाद वर्ष 2018 में बोधगया में महाबोधि सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण शुरू किया गया जिसका उद्घाटन 16 अप्रैल, 2022 को किया गया। राज्य के प्रत्येक पंचायत में 10$2 स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया। अब अधिकतर पंचायतों में 10$2 स्कूल स्थापित हो गये हैं, जहाँ पर 10$2 स्कूल स्थापित करने की भूमि नहीं है वहाँ मिडिल स्कूलों में 9वीं एवं 10वीं की पढ़ाई की व्यवस्था की गयी। आगे इन्हीं स्कूलों में कक्षा 11वीं एवं 12वीं का संचालन शुरू किया गया है। इसके लिए 2 हजार 768 स्कूलों में नये विद्यालय भवन एवं 3 हजार 530 विद्यालयों में अतिरिक्त क्लास रूम आदि के निर्माण हेतु कुल 7 हजार 530 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गयी है। वर्ष 2005 में बिहार की कुल प्रजनन दर 4.3 थी जो हमारे बालिका शिक्षा के लिए किये गये प्रयासों से घटकर अब 3 पहुँच गयी है। यही प्रयास जारी रहेंगे तो आनेवाले कुछ वर्षों में बिहार की प्रजनन दर 2 के आसपास पहुँच जायेगी। हम चाहते हैं कि सभी लड़कियां उच्च शिक्षा प्राप्त करे। इसके लिए अनुमंडल स्तर पर कॉलेज की स्थापना की गयी है, अब इसे और आगे बढ़ाने के कदम उठाये जायेंगे। पहले इंटर पास करने पर अविवाहित महिलाओं को 10 हजार रूपये तथा ग्रेजुएट पास होने पर सभी महिलाओं को 25 हजार रूपये देते थे अब इन्टर पास करने पर अविवाहित महिलाओं को 25 हजार रूपये तथा ग्रेजुएट पास होने पर 50 हजार रूपये देने की योजना शुरू की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुओं के लिए प्रत्येक 8-10 पंचायतों पर एक पशु अस्पताल की व्यवस्था की जा रही है। मोबाईल यूनिट के माध्यम से पशु चिकित्सक एवं अन्य कर्मियों के द्वारा घरों में पहुँचकर पशु चिकित्सा एवं अन्य सेवायें निःशुल्क दी जायेंगी। इस अवसर पर मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, पर्यटन निदेषालय, महिला एवं बाल विकास निगम, कृषि विभाग, बिहार अग्निषमन सेवा, उपेन्द्र महारथी षिल्प अनुसंधान संस्थान, बिहार षिक्षा परियोजना परिषद्, जीविका तथा सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग द्वारा झांकियां निकाली गयीं। इसमें बिहार कृषि विभाग को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ, बिहार अग्निषमन सेवा की झांकी को द्वितीय स्थान, जबकि बिहार षिक्षा परियोजना परिषद् की झांकी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
बिहार में 4 लाख पदों पर होगी बहाली
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