संसद में विपक्ष का हंगामा महिलाओं के सम्मान के साथ धोखाः मंगल पांडेय

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संसद में विपक्ष का हंगामा महिलाओं के सम्मान के साथ धोखाः मंगल पांडेय
मानसून सत्र में दोनों सदनों को बाधित करना विपक्ष की सोची-समझी चाल

    पटना, 19 जुलाई। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विपक्ष को महिला एवं दलित विरोधी बताते हुए कहा कि विपक्ष के आचरण के कारण मानसून सत्र के पहले दिन ही संसंद के दोनों सदनों को स्थगित करना पड़ा। यह विपक्ष की सोची-समझी चाल है और आज का दिन संसदीय इतिहास में काला दिन के रूप में लिखा जायेगा। विपक्ष ने हंगामा कर न सिर्फ महिलाओं एवं दलितों के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है, बल्कि आजादी के बाद से चली आ रही परंपरा में व्यवधान पैदा कर संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विपक्ष द्वारा दोनों सदनों में नहीं बोलने देना एक नयी परंपरा को जन्म दे रहा है, लेकिन देश की जनता सब देख रही है। समय आने पर जनता विपक्षी नेताओं को ऐसा सबक सिखायेगी कि दुबारा संसद के किसी भी सदन का दर्शन दुर्लभ हो जायेगा।
    श्री पांडेय ने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय से ही दोनों सदनों में प्रधानमंत्री द्वारा नये मंत्रियों के परिचय का सिलसिला चला आ रहा है, लेकिन पूरा विपक्ष दलित, आदिवासी और महिला मंत्रियों के परिचय से इतना व्यथित था कि माननीय प्रधानमंत्री के मुंह से नये मंत्रियों का नाम सुनने को तैयार नहीं था।  श्री पांडेय ने कहा कि विपक्ष का काम सिर्फ हंगामा खड़ा कर सदन को बाधित करना है। विपक्ष को न तो संसदीय परंपरा से कोई मतलब है और न ही विकास से कोई वास्ता है। यही नहीं आधी आबादी के साथ-साथ आदिवासी और दलितों का विकास विपक्ष को रास नहीं आ रहा है। यही कारण है कि माननीय प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान पूरा विपक्ष संसदीय मर्यादा को ताख पर रख सदन के दोनों सदनों में हंगामा पर उतारू हो गये, इस कारण माननीय प्रधानमंत्री नये मंत्रियों का परिचय नहीं करा सके।  

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