आसन की मर्यादा दलगत भावना से ऊपर -अध्यक्ष विस

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पटना। जनतंत्र में जनता ही मालिक होती है। जनसेवा ही हमारी प्राथमिक और अंतिम जवाबदेही है, जिसके लिए संवैधानिक अधिकारों के तहत हमें लोकतांत्रिक परंपराओं और मर्यादाओं का पालन करते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन करना होता है और यही लोकतंत्र की खूशबू है। जनहित में सदन में अनुशासित होकर संवैधानिक अधिकारों के तहत अपने दायित्वों का निर्वहन् करने में किसी प्रकार का भय माननीय सदस्यों को नहीं होना चाहिए । आसन सबका संरक्षक है और लोकतांत्रिक व्यवस्था में सदन की मर्यादा सर्वोपरि है। आसन की मर्यादा के लिए दलगत भावना से ऊपर उठकर बतौर बिहार विधान सभा अध्यक्ष हमने हमेशा कार्य किया है ताकि सदन की गरिमा हमेशा बरकरार रहे। ये बातें बिहार विधान सभा के माननीय अध्यक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने प्रेस प्रतिनिधियों से प्रेस वार्ता में कही । उन्होंने कहा कि सदन में पहले मात्र 15 से 25 प्रतिशत प्रश्नों के जवाब ही सत्रावधि में आ पाता था, जबकि पिछले बजट सत्र के दौरान 98 प्रतिशत अल्पसूचित प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हुए तथा 91 प्रतिशत तारांकित प्रश्नों के उत्तर प्राप्त हुए । यह बजट सत्र में विधायकों की सदन के प्रति गंभीरता तथा जनता के प्रति अपनी जवाबदेही, सरकार की सजगता तथा बिहार के विकास का परिचायक है । कहा, मेरा लक्ष्य सदन के अधिकाधिक समय का बिहार के विकास के लिए सदुपयोग करने तथा माननीय सदस्यों द्वारा पूछे जाने वाले सभी प्रश्नों के 100 प्रतिशत उत्तर चलते सत्र में ही प्राप्त करने का है, ताकि जनहित के मामलों का त्वरित समाधान हो सके और लोकतंत्र में विधायिका की भूमिका को और भी प्रबल बनाया जा सके। इसके लिए उन्होेेंने बिहार विधान सभा के सभी माननीय सदस्यों को सकारात्मक भूमिका निभाने का भी आग्रह किया । कहा, बहुत भाग्य से हम जनसेवक बन लोकतंत्र के इस मंदिर में पहुॅंचते है, जनता की सेवा ही हमार प्रथम और अंतिम उद्देश्य होना चाहिए । उन्होेंने नोडल पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर शेष प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करने का निदेश सभा सचिवालय को दिया गया है । कहा, मीडिया की रिर्पोटिंग का बड़ा व्यापक असर होता है और सदन की कार्यवाहियों की मीडिया रिपोर्टिंग जिस तरह सकारात्मक ढ़ंग से आपने किया है, वह सदन में माननीय विधायकों के दायित्वों के निर्वहन के लिए उत्प्रेरक का काम करता है । श्री सिन्हा ने कहा कि सभी माननीय सदस्यों की सक्रियता, सजगता और सहयोग के बल पर सत्रवहीं बिहार विधान सभा बिहार के विकास की नई गाथा को लिखेगा ।

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