बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्थानों के अंतर्गत नियुक्त शिक्षकों के विभिन्न समस्याओं के समाधान करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ईमेल से पत्र भेजे हैं। पत्र में श्री पप्पू ने कहा है कि विभाग ने राज्य के सभी 38 जिलों में नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान संबंधी एसएसए मद के खाते में मौजूद वेतन की राशि सरेंडर करवा कर उक्त खाते को बंद करवा दिया है। जिसके कारण राज्य के सभी जिलों में शिक्षकों के वेतन के भुगतान की प्रक्रिया बाधित है। विभाग के द्वारा अब तक जिलों मे न तो शिक्षकों के वेतन का भुगतान करने हेतु नया खाता खुलवाया जा सका है और न ही जिलों को वेतन भुगतान करने हेतु आवंटन उपलब्ध कराया गया है। जिस कारण बकरीद जैसे पर्व में भी शिक्षकों को वेतन मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। जबकि बकरीद पर्व में उधार नहीं लेने का प्रचलन है। जिस कारण अल्पसंख्यक समुदाय के शिक्षकों को भारी आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पत्र में बकरीद से पहले वेतन भुगतान करने के लिए सभी जिलों को अविलंब आवंटन उपलब्ध कराने तथा अप्रैल 2021 से शिक्षकों के वेतन में 15% वृद्धि करने के सरकारी फैसले को लागू करने साथ ही विगत नवंबर माह से ही अप्रशिक्षित शिक्षकों के बकाया वेतन का भुगतान करने की मांग की गई है।
वहीं सरकार को अवगत कराया गया है कि निगरानी जांच हेतु विभागीय वेब पोर्टल पर शिक्षकों के द्वारा ऑनलाइन प्रमाण पत्र अपलोड करने के दौरान अनेक त्रुटियां है। जिस कारण अब तक
अधिकांश शिक्षकों का प्रमाण पत्र अपलोड नहीं हो सका है। पत्र में श्री पप्पू ने सभी जिले में प्रमाण पत्र अपलोड करने हेतु विशेष कोषांग का गठन करने का माँग किये हैं |जिसमें शिक्षक के द्वारा वांछित प्रमाण पत्र एवं अन्य कागजात कोषांग में जमा करने तथा कोषांग के द्वारा कागजातों को वेब पोर्टल पर अपलोड करने का प्रावधान किया जाए।
श्री पप्पू ने कहा कि मोतिहारी, सिवान तथा अन्य जिलों में पूर्व में भी शिक्षकों से निगरानी जांच हेतु प्रमाण पत्र एवं अन्य कागजात जमा लिया गया था। इसके बावजूद निगरानी विभाग में प्रमाण पत्र नहीं जमा नहीं करने की लापरवाही के लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई किया जाय |