किसान मजदूरों का राज्य स्तरीय पटना कन्वेंशन का एलान 9 अगस्त को मोदी सरकार गद्दी छोड़ो*

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*किसान मजदूरों का राज्य स्तरीय पटना कन्वेंशन का एलान 9 अगस्त को मोदी सरकार गद्दी छोड़ो*
9 जुलाई ,पटना ! आज जमाल रोड , पटना में बिहार राज्य किसान सभा , सीटू और बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन का राज्य स्तरीय संयुक्त कन्वेंशन किया गया । कन्वेंशन का मुख्य उद्देश्य 26 जुलाई से 8 अगस्त तक एक पखवारा संघर्ष अभियान को सफल बनाने तथा 9 अगस्त को जिला मुख्यालयों पर होने वाले जंगजू प्रदर्शन को सफल बनाना है ।
कन्वेंशन को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक ढवले ने कहा कि आजादी की लड़ाई के बाद यह पहली बार देखा गया कि लाखों की तादात में लोग मरे । हमारे महत्वपूर्ण साथी हमसे जुदा हो गए । गंगा में बहती लाशों को लोगों ने देखा । गुजरात की एक कवित्री ने लाशों की वाहिनी गंगा कहा ।
गेहूं का एम एस पी 1975 रुपए निर्धारित किया गया । लेकिन बिहार के किसानों ने 15 सौ रूपये में प्रति क्विंटल पर गेहूं बेच दिया । उनको एम एस पी का लाभ नहीं मिला ।
84 साल के स्टेन स्वामी ने जमानत मांगी । उन पर देश द्रोह का इल्जाम लगाया गया । जमानत नहीं मिली और उनकी जेल में ही मृत्यु हो गई ।
दिल्ली बॉर्डर पर धरना पर बैठे किसानों को पाकिस्तान के सहयोग पर बतलाया गया । इसमें किसान नहीं है । इस तरह लोगों में भ्रम फैलाया गया । किसानों की जमीन को अंबानी और अदाणी को देने को सारे तिकड़म चलाया जा रहा है ।
कोरोना काल में करोड़ों लोगों की नौकरी चली गई । 97% लोगों की आमदनी घट गई । किसानी से जुड़े लोगों को भूख से लड़ना पर रहा है । लेकिन अंबानी और अदाणी की संपत्ति में 35 % बढ़ोतरी हुआ है । यह क्या बतलाता है । आज महाराष्ट्र में रिलायंस का वहिष्कार किया जा रहा है । कोई भी किसान उनके पेट्रोल पम्प पर नहीं जाता ।
देश में इस हालत को पैदा करने वाला केन्द्र की मोदी सरकार है । हमें एक होकर इस किसान , मजदूर विरोधी सरकार को हटाना होगा ।
हम 9 अगस्त को मोदी सरकार और अंबानी और अडानी से कहेंगे की भारत छोड़ो । क्योंकि इसी दिन 1942 में गांधी के एलान किया था कि अंग्रेजों भारत छोड़ो । हम 26 जुलाई से 8 अगस्त तक एक पखवारा गांव गांव तक जाकर लोगों को इस आंदोलन में गोलबंद कर , 9 अगस्त मोदी सरकार , अंबानी , अदाणी भारत छोड़ो आंदोलन का बिगुल फूंकेंगे ।
कन्वेंशन को अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के संयुक्त सचिव बिक्रम सिंह ने बताया कि सात महीने से चल रहे किसान आंदोलन ने पूरे भारत को सड़क पर ला दिया । 5 सौ से ज्यादा लोग आंदोलन में शहीद हो गए । लेकिन भाजपा नीत मोदी सरकार अपनी सांप्रदायिक नीतियों के बल पर लोगों को बांटने के काम के आधार को हीं केंद्रीय सत्ता में बने रहने का मुख्य शक्ति मानती है ।
कन्वेंशन को सी आई टी यू के राष्ट्रीय सचिव ए आर सिंधु ने बतलाया की आज देश में नौकरी ही नहीं है , 23 करोड़ लोग इस कोरोना काल में गरीबी रेखा के नीचे चले गए । 2 करोड़ नौकरियां छीन ली गई । कोरपारेट ने अपना पैसा खर्च करके मोदी को गद्दी पर बैठाया है ।
अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव नन्द किशोर शुक्ला ने कहा कि किसानों को लाभ पहुंचाने वाली संस्थाएं सहकारिता से एफ सी आई तक सभी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं । स्वास्थ्य केंद्र की ढांचा ध्वस्त हो चुका है । शिक्षा का निजीकरण , आपका अस्पताल , आपकी जमीन सबकुछ यह सरकार छिन्न लेना चाहती है । उसे हटाने के लिए हमें गोलबंद होना होगा । 9 अगस्त आंदोलन एक निर्णायक आंदोलन होगा । उस दिन बड़ी लड़ाई की तैयारी हो । बिहार के किसान चीनी मिलों को खोलना चाहते हैं ।वहां इथनौल प्लांट लगाने का विरोध होगा ।
कन्वेंशन को अखिल भारतीय किसान सभा के उपाध्यक्ष अवधेश कुमार , बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव विनोद कुमार , सीटू के राज्य सचिव गणेश शंकर सिंह , बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन के सचिव भोला दिवाकर , बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव प्रभुराज नारायण राव , श्याम भारती , अरुण कुमार , दिनेश सिंह , अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह आदि ने संबोधित किया ।
कन्वेंशन की अध्यक्षता किसान सभा के राज्य अध्यक्ष ललन चौधरी , दीपक भट्टाचार्य , देवेन्द्र चौरसिया की अध्यक्ष मंडली ने की ।

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