प्रकाशनार्थ
*समस्तीपुर के चकनिजाम में भाजपा-संघ गिरोह के उकसावे पर किया गया माॅब लिंचिंग के खिलाफ अरवल में प्रतिवाद
*महिलाओं पर बर्बर हिंसा के लिए डीएम-एसपी को जवाबदेह ठहराया जाए.*
3 जुलाई 2021,माले द्वारा आज अरवल में राज्य व्यापी प्रतिवाद दिवस पर जुलूस निकाला गया जो माले कार्यालय से होते हुए विभिन्न मार्गों से होते हुए प्रखंड परिसर में एक प्रतिवाद सभा मे तब्दील हो गया.
कार्यक्रम का नेतृत्व भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य व अरवल विधायक महानन्द सिंह, जिला सचिव जितेंद्र यादव, रविन्द्र यादव, सुएब आलम , नगर परिषद अध्यक्ष रामाकांत उर्फ टुन्ना शर्मा, उमेश पासवान लीला वर्मा, विजय यादव समेत कई नेताओं ने हिस्सा लिया.
नेताओं ने प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि समस्तीपुर के आधारपुर पंचायत के चकनिजाम में दिनांक 21 जून की सुबह वार्ड सदस्य श्रवण यादव की हत्या के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बर्बर हमला, माॅब लिंचिंग, आगजनी, लूटपाट, महिलाओं के साथ बर्बरता की सारी हदों को पार कर देने वाले उन्माद के पीछे भाजपा व संघ गिरोह का हाथ था. विदित हो कि इस हत्या का आरोप वार्ड पार्षद व उपमुखिया मो. हसनैन पर लगा था.
श्रवण यादव की हत्या के उपरांत 21 जून को लगभग दो घंटे तक लोग रोड जाम कर हत्या के आरोपित हसनैन की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. लेकिन बगल के गांव बाघी के हिंदु पुत्र के नेता बलराम सिंह कुशवाहा, बीजेपी व आरएसएस के नेता धीरेन्द्र कुमार धीरज, मोतीपुर-आधारपुर के बीजेपी के सहकारिता विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्ण कुमार गुप्ता के उकसावे पर आंदोलनकारी भीड़ में तब्दील हो गए और संगठित होकर मो. हसनैन के परिजनों के ऊपर हमला बोल दिया. संघियों के कहने पर मुखिया विश्वनाथ राय ने कुछ घंटों में आधारपुर, बाघी, ताजपुर, भेरूखरा, दियरूआ समेत कई गांवों से जमा हो चुकी हजारों की भीड़ को हमला के लिए उकसाया. वे कह रहे थे कि मुस्लिमों को सबक सिखाना है. मो. हसनैन के परिवार का एक भी आदमी जिंदा नहीं रहना चाहिए. उसके बाद भीड़ पुलिस की मौजदूगी में मो. हसनैन समेत उनके दोनों भाई नूर मोहम्मद व नूर आलम के घर पर हमला बोल दिया.
भीड़ ने मो. हसनैन की 35 वर्षीय शिक्षिका पत्नी सनावर खातून को घसीटते व मारते-पीटते घर से बाहर निकाला. उनकी दो बेटियों चाहत परवीन व इबरत परवीन, बड़े भाई 60 वर्षीय नूर आलम, मो. हसनैन के भतीजे व नूर आलम के लड़के मो. अनवर को दौड़ा-दौड़ा कर पीटना शुरू किया. इन पांच लोगों को भीड़ पीटते हुए श्रवण यादव के घर के पास ले गई और वहीं पर पूरी भीड़ के सामने सनवर खातून के शरीर के सारे कपड़े उतार डाले, सर का बाल नोच लिया और बेहद क्रूरता से पीटते हुए उनके गुप्तांग में राॅड डालकर उनकी हत्या कर दी. भीड़ ने मो. अनवर की भी पीट-पीट कर हत्या कर दी.
सबसे दुर्भाग्यूपर्ण यह कि यह सबकुछ पुलिस की मौजदूगी में हुआ. ऐसा महसूस हुआ कि प्रशासन ने दंगाइयों को कुछ भी करने की छूट दे रखी थी. मो. हसनैन की बेटियों के शरीर पर तलवार, फरसा, काता से वार के निशान पाए गए. दूसरी तरफ भीड़ का एक दूसरा हिस्सा उनके घरों को लूटने के बाद आग लगाने का काम रही थी. लाखों की संपति लूट ली गई. चांदी, जेवरात, कीमती बर्तन, सामान लूटने के बाद एक कार व दो मोटरसाइकिल में आग लगा दी गई. यह सब जानकारी मो. हसनैन की बड़ी बेटी नुसरत परवीन ने बताया जो पूरे घटनाक्रम को छुपकर देख रही थी. भीड़ उसे भी ढूंढ रही थी. लेकिन वह बाल-बाल बच गई.
इस वीभत्स कांड में अभी तक किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं किया जाना बेहद आश्चर्यजनक है. माॅब लिंचिंग के उकसाने वाले अपराधियों में सब के नाम भी एफआईआर में नहीं है. अपराधी बिना किसी संकोच के खुले घुम रहे हैं. ऐसा लगता है कि उन्हें किसी का डर नहीं.
उक्त घटना के पहले गांव में किसी भी प्रकार का सांप्रदायिक विद्वेष नहीं था. मो. हसनैन व श्रवण यादव के बीच नाला को लेकर दिनांक 20 जून को झड़प व हाथापाई हुई थी. इसी के बाद श्रवण यादव की हत्या कर दी गई थी. उसके बाद पूरे मामले को अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ मोड़ दिया गया और इस बर्बर घटना को अंजाम दिया गया. कुल मिलाकर इस घटना में दो लोगों की हत्या की जा चुकी है और तीन लोग बुरी तरह जख्मी हैं.
भीड़ हिंसा के लिए उकसाने वाले भाजपा-संघ व हिंदु पुत्र के सभी लोगों के नाम एफआईआर दर्ज हों, भीड़ को हिंसा के लिए छूट देने वाले स्थानीय थाना प्रभारी को बर्खास्त किया जाए और महिलाओं पर हिंसा रोकने में असफल जिले के डीएम व एसपी को वहां से तत्काल हटाया जाए.