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पूरे देश की बात करे तो बाजारो मे आई सुस्ती न केवल आम लोगों को परेशान किया है बल्कि वाहन संचालकों के जीवन यापन पर सवाल खडा कर दिया है । ऐसे में सरकार के नये परिवहन कानून खास कर ट्रक मालिकों को कमर तोड़ कर रख दिया है । वाहन संचालक जगह जगह बैठक कर रोज कोई न कोई प्रस्ताव पारित कर रहे हैं । कभी हडताल तो कभी चर्चा इस बात का सबूत है कि ट्रक मालिकों के बीच कितनी बेचैनी है । वाहन संचालकों के बेचैनी आखिर रहे तो क्यो नही,,पिछले तीन माह से ठप पडे ब्यवसाय उपर से कर्ज का बोझ के अलावे वाहनो के अपटूडेड पेपर अपने आप में एक समस्या है । अब नये परिवहन कानून खास कर ट्रक मालिकों के सामने मुसीबत बन खडा है।
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