अवैध रूप से बिहार में चलने वाली गाड़ियों पर होगी कार्रवाई

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अन्य राज्य से रजिस्ट्रेशन करा कर टैक्स चोरी के उद्देश्य से अवैध रूप से बिहार में चलने *वाली गाडियों पर होगी कार्रवाई*🚘🚘🕵🏻
– झारखंड से निबंधित वाहनों के अवैध परिचालन पर कार्रवाई के लिए शुरू हुआ विशेष अभियान
– विशेष अभियान के तहत 21 गाड़ियों पर की गई कार्रवाई
– कार्रवाई करने के लिए परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने सभी डीटीओ, एमवीआई और ईएसआई को दिया है निर्देश
– कुछ वाहन मालिक टैक्स चोरी के उद्देश्य से झारखंड में जाकर गलत पता तथा प्रमाण पत्र देकर गाड़ियों का कराते हैं रजिस्ट्रेशन
– परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने कहा- झारखंड से निबंधित करा बिहार में स्थायी तौर पर वाहन चलाने वाले वाहन मालिक बिहार का लें रजिस्ट्रेशन नंबर
– रजिस्ट्रेशन नंबर लेने में नहीं होगी परेशानी, आवेदन प्राप्ति के सात दिनों के अंदर बिहार का नंबर प्रदान करने के लिए परिवहन सचिव ने सभी डीटीओ को दिया है निर्देश
-झारखंड समेत अन्य राज्यों से निबंधित वाहनों का बिहार में स्थायी तौर पर परिचालन करने वाले वाहन मालिकों पर अब कार्रवाई की जाएगी। परिवहन विभाग ऐसे वाहनों को चिन्हित कर कार्रवाई करेगा। परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने इस संबंध में सभी डीटीओ, एमवीआई और ईएसआई को विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई का निर्देश दिया है। अभियान के तहत पटना में झारखंड समेत अन्य राज्यों के 21 वाहनों पर कार्रवाई की गई।
परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि टैक्स चोरी के उद्देश्य से वाहन मालिक लक्जरी और अन्य वाहनों का रजिस्ट्रेशन झारखंड से कराते हैं और चोरी छुपे स्थायी तौर पर बिहार में परिचालन करते हैं। यह मोटरवाहन अधिनियम का उल्लंघन है। इससे बिहार को राजस्व क्षति भी हो रहा है।
*झारखंड या अन्य राज्य के वास्तविक वाहन मालिक को परेशान होने की जरूरत नहीं*
परिवहन सचिव ने बताया कि झारखंड के वास्तविक वाहन मालिक को घबड़ाने की जरूरत नहीं है। वो अपना पेट्रोल पंप रसीद, ड्राइविंग लाइसेंस, टोल प्लाजा के रसीद,झारखंड के पते का आधार कार्ड, डीएल, या अन्य कोई प्रमाण पत्र दिखा कर झारखंड से आने का प्रूफ दिखा सकते हैं तो उन्हें फाइन नहीं लगेगा।
परिवहन विभाग को विभिन्न स्रोतों से यह सूचना मिली है कि अन्य राज्यों के निबंधित वाहन का अवैध परिचालन बिहार में किया जा रहा है। यहां के स्थायी निवासी आस-पास के राज्यों में अवैध रूप से वाहनों का निबंधन करवा रहे हैं और बिहार में वाहनों का परिचालन कर रहे हैं। गलत पते देकर रजिस्ट्रेशन कराने वाले वाहन मालिकों के प्रमाण पत्रों की भी जांच की जाएगी।
*आसानी से ले सकेंगे रजिस्ट्रेशन नंबर*
परिवहन सचिव ने कहा है कि झारखंड और अन्य राज्यों में रजिस्ट्रेशन करा स्थायी रुप से बिहार में चलाने वाले वाहनों को अब बिहार का नंबर लेना पड़ेगा। बिहार का नंबर लेने के लिए किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। सभी जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे आवेदन प्राप्त होने के सात दिनों के अंदर बिहार का नंबर प्रदान करें।
*क्या है प्रावधान*
– मोटरवाहन अधिनियम की धारा- 49 के अंतर्गत यह प्रावधान है कि अपने निवास स्थान में परिवर्तित स्थान पर उपयोग करते हैं तो अधिकतम 30 दिनों के अंदर वाहन स्वामी को परिवर्तित स्थल से संबंधित निबंधन प्राधिकार जिला परिवहन पदाधिकारी को वाहन उपयोग की सूचना देना अनिवार्य है। इसके बाद ही परिवर्तित क्षेत्र में वाहन का परिचालन वैध होगा। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो वाहन का परिचालन अवैध होगा।
– राज्य से बाहर निबंधित वाहन यदि बिहार में बिना कर भुगतान किए या बिना वैध परमिट के चलाए पाए जाते हैं तो उन वाहनों को 30 दिनों तक अस्थायी परिचालन के लिए निर्धारित कर और उस कर की दुगुनी राशि अर्थदंड के रूप में भुगतान करना होगा।
*कैसे प्राप्त करें स्थानीय निबंधन संख्या*
वाहन स्वामी द्वारा स्थानीय डीटीओ कार्यालय में विहित प्रपत्र में आवेदन तथा अनापति प्रमाण पत्र के अनुरोध संबंधी साक्ष्य के अतिरिक्त अन्य कागजात जमा करना होगा।

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