लोहिया स्वच्छ बिहार कार्यक्रम में भाग लेते मंत्री श्रवण कुमार

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लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के अन्तर्गत अबतक 1 करोड़ 6 लाख 90 हजार शौचालय निर्मित हुए । लगभग 70 लाख लोगों को दी जा चुकी है प्रोत्साहन राशि । सरकार का ध्यान केवल शौचालय निर्माण पर नहीं वरण लोगों के व्यवहार में स्थायी एवं स्थिर परिवर्तन लाकर जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करना है।इंडिया सैनिटेशन कोलिशन, वाटर आॅर्ग, फिक्की एवं आगाखाँ फाउन्डेशन के साथ-साथ विश्व बैंक तथा युनिसेफ आदि विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं ग्रामीण विकास विभाग अन्तर्गत स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के संचालन के नोडल एजेंसी जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी आदि स्वच्छता पर कार्य करने वाले विभिन्न संगठनों एवं उनके प्रतिनिधियों के साथ होटल मौर्य, पटना में आयोजित ‘‘राउन्ड टेबुल आॅन क्रेडिट फिनासिंग इन वाॅस‘‘ कार्यक्रम में राज्य के ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री, श्री श्रवण कुमार ने शिरकत की । मंत्री श्री कुमार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । विभागीय मंत्री के अतिरिक्त इंडिया सैनिटेशन कोलिशन की सुश्री नताशा पटेल, वाटर आॅर्ग के श्री मनोज गुलाटी एवं श्रीमती वेदिका भंडारकर, आगाखाँ फाउन्डेशन के डाॅ॰ अशद उमर एवं सुश्री टिन्नी शाॅनी, वल्ड बैंक के जेवियर केवाॅट डी बाचिनी, जीविका के बाला मुरूगण डी॰ तथा युनिसेफ के सुजय मजुमदार आदि विशेषज्ञ़ों ने अपनी-अपनी बातें एवं राय रखी ।
इस राउन्ड टेबुल वार्ता में श्री कुमार ने जानकारी दी की जून, 2016 से बिहार सरकार ने ‘‘शौचालय निर्माण घर का सम्मान कार्यक्रम‘‘ के लिए राज्य प्रायोजित लोहिया स्वच्छता योजना एवं केन्द्र तथा राज्य के समन्वय से चलने वाली स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना को समेकित कर मिशन मोड में इसके कार्यान्वयन के लिए लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान का शुभांरभ कर ग्रामीण विकास विभाग के माघ्यम से इसके संचालन किया । तबसे सरकार के प्रयास से 1 करोड़ 6 लाख 90 हजार से अधिक परिवारों ने शौचालय का निर्माण कराया है । इन परिवारों में से 93 लाख 62 हजार परिवारों के शौचालयों का जीयो टैगिंग कराया गया है, जिसमें से प्रोत्साहन पाने योग्य पात्र 70 लाख परिवारों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी किया जा चुका है । उन्होंने बताया कि राज्य के 30 जिलों के 534 प्रख्ंाडों में 8390 ग्राम पंचायत अन्तर्गत 38 हजार 691 गाँव में लगभग 1 करोड़ 78 लाख 29 हजार परिवार हैं जिनमें से वेस लाईन सर्वे के अनुसार 1 करोड़ 15 लाख 6 हजार परिवार शौचालय विहीन चिन्हित किये गये थे । लगभग 10 लाख 50 हजार शौचालय विहीन परिवार बेसलाईन सर्वे में छूट गये थे। आज राज्य के लगभग सभी शौचालय विहीन परिवार शौचालय से आच्छादित हो चुके हैं । एम0आई0एस0 पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार राज्य में 1 करोड़ 24 लाख 10 हजार परिवारों के पास शौचालय उपलब्ध है । बेस लाईन सर्वे के समय लगभग 39 लाख परिवारांें के पास शौचालय उपलब्ध था । लगभग 3 वर्ष में सरकार द्वारा जनभागीदरी, जनप्रतिनिधियों के सहयोग, राज्य एवं केन्द्र सरकार से आवश्यकता अनुरूप धनराशि की उपलब्धता एवं कुशल प्रबंधन से इतनी बड़ी उपलब्धि प्राप्त हो सकी है ।
उन्होनंे कहा कि स्वच्छता अभियान स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय है । उन्होनें बताया कि सम्पूर्ण देश में लगभग 5 वर्षों में 10 करोड़ परिवारों द्वारा शौचालयों का निर्माण किया जाना एवं 6 लाख गाँव का खुले में शौच से मुक्त घोषित करना एक अनूठा, अनुकरणीय एवं मील का पत्थर साबित होने वाला अभियान है । इस अभियान की सफलता के लिए उन्होनंे आगे सभी संगठनों को इस दिशा में प्रयास करने को प्रेरित किया कि केवल शौचालय का निर्माण मात्र करा लेने से हीं हमारे उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो जायेगी वरन् लोगों के शौच व्यवहार में स्थायी एवं स्थिर परिवर्तन लाने का प्रयास करना होगा जो उनके जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी । इसके लिए पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्वयं सहायता समूहों विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों एवं लोक कल्याणकारी कार्य से जुड़े संगठनों को स्वच्छता संबंधी गतिविधियों एवं उनके प्रचार-प्रसार के लिए प्रयास करना होगा । आवश्यकता है कि हमारी उपलब्धि आने वाले समय में निरंतर एवं स्थायी बनी रहे, इसके लिए हमारे विचार और व्यवहार में स्थायी परिवर्तन के लिए पहल की जाय । साथहीं छुटे हुए लाभार्थियों अथवा परिवारों को शौचालय से आच्छादित करने की दिशा में कार्य किये जांय । इसके लिए विभिन्न वित्तीय संस्थाओं को शौचालय निर्माण के साथ-साथ स्वच्छ पेयजल हेतु किफायती दरों पर छोटे ऋण उपलब्ध कराने की आवश्यकता है । इस कार्य में जीविका भी मुख्य भुमिका निभा सकती है । मंत्री श्री कुमार ने बताया कि जीविका के माध्यम से ऋण प्राप्त करने वाले स्वयं सहायता समूहों द्वारा ऋण वापसी का ट्रैक रिकाॅड अच्छा रहा है ।
उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे सम्मिलित प्रयास और जनता के सहयोग से बिहार स्वच्छता के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण पेश करेगा । अंत में उन्होनें शौचालय से लगभग शत् प्रतिशत आच्छादित एवं खुले में शौच से मुक्त बिहार की स्वच्छता बरकरार रहे, कि मंगल कामना करते हुए सभी के निरंतर सहयोग के प्रति अभार प्रकट किया और इसके लिए उनका धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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