पूर्व मध्य रेल द्वारा परिचालन क्षमता में विकास हेतु रेलखंडों का पूर्ण विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए रेलखंडों का विद्युतीकरण तेजी से किया जा रहा है । विद्युतीकृत रेलखंड़ों पर डीजल इंजन के बजाए विद्युत इंजन से टेªनों के चलाये जाने से जहां एक ओर रेल परिचालन में सुविधा तो होगी ही वहीं दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण में भी सहायता मिलेगी । साथ ही साथ डीजल क्रय में लगने वाली बहुमूल्य विदेषी मुद्रा की बचत करते हुये डीजल पर निर्भरता समाप्त करने में मदद मिलेगी। इससे विद्युतीकृत रेलखंड़ों पर विद्युत इंजन से रेल परिचालन प्रारंभ किया जा सकता है जिससे टेªनों की गति में वृद्धि की जा सकेगी परिणामस्वरूप समय पालन में और अधिक सुधार होगा । पूर्व मध्य रेल द्वारा रेलखंडों के पूर्ण विद्युतीकरण का लक्ष्य प्राप्ति के क्रम में बचे हुए रेलखंड़ों के विद्युतीकरण का कार्य काफी तीव्र गति से चल रहा है । इसी का परिणाम है कि अप्रैल, 2018 से पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार के कई रेलखंडों सहित अब तक 790 रूट किमी (1164 टैªक किमी) का विद्युतीकरण पूरा किया जा चुका है । फलतः किउल-गया, आरा-सासाराम, मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज-वाल्मीकिनगर, सगौली-रक्सौल, फतुहा-इस्लामपुर, दनियावां-बिहार शरीफ, कोडरमा-हजारीबाग सहित कई रेलखंड़ों पर डीजल लोको के बजाए इलेक्ट्रिक लोको से टेªनों का परिचालन प्रारंभ किया गया है । अप्रैल, 2018 से अब तक इन रेलखंडों पर 232 टेªनों का परिचालन डीजल लोको के स्थान पर इलेक्ट्रिक लोको से प्रारंभ किया जा चुका है ।
इसके साथ ही 790 रूट किमी विद्युतीकरण के उपरंात अप्रैल, 2018 से अब तक 85 डीजल लोको को परिचालन से हटाया गया है जिससे वित्तीय वर्ष 2018-19 के मुकाबले वित्तीय वर्ष 2019-20 में अब तक डीजल की खपत में 18.35 प्रतिषत की कमी के साथ 23,141 किलोलीटर डीजल की बचत की गयी है जिससे डीजल के मद पर होने वाले खर्च से 153.73 करोड़ रूपये की बचत हुई है ।
पिछले एक-दो वर्षों में पूर्व मध्य रेल में विद्युतीकरण के क्षेत्र में तीव्र गति से किये गये जा रहे कार्यों का ही परिणाम है कि पूर्व मध्य रेल का मुगलसराय मंडल न सिर्फ पूर्व मध्य रेल का प्रथम शत-प्रतिषत विद्युतीकृत मंडल हो गया है बल्कि यह पूरे भारतीय रेल का भी पहला विद्युतीकृत मंडल बन गया है जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है । साथ ही अब उत्तर बिहार के पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार से दिल्ली तक टेªनों का परिचालन, वाया वाल्मीकिनगर-पनियाहवा -गोरखपुर एवं वाया छपरा-वाराणसी, दोनों मार्गों से प्रारंभ से अंत तक विद्युत इंजन से किया जा रहा है ।
अप्रैल, 2018 से अब तक 790 रूट किमी का किया गया विद्युतीकरण
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