कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेष पुआल आदि के जलाने की समस्या के निदान हेतु फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्र यथा हैप्पी सीडर, स्ट्राॅ बेलर, रोटरी मल्चर एवं रीपर-कम-बाईंडर पर जिलांे में उपलब्ध कुल वित्तीय लक्ष्य का कम-से-कम 15 प्रतिशत राशि व्यय का प्रावधान किया गया है। इस योजना के अंतर्गत जिलों के लिए कर्णांकित राशि में से कम-से-कम 18 प्रतिशत अत्यन्त पिछड़ा वर्ग के कृषकों को अनुसूचित जाति/जनजाति के समतुल्य अनुदान का लाभ दिये पर व्यय किया जायेगा। साथ ही, बिहार राज्य के कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा निर्मित कृषि यंत्रों पर अनुदान दर प्रतिशत तथा अनुदान दर की अधिकत्तम सीमा में 10 प्रतिशत वृद्धि कर किसानों को लाभान्वित किया जायेगा। इससे बिहार राज्य के कृषि यंत्र निर्माताओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में संचालित कृषि यांत्रिकरण राज्य योजना के अंतर्गत 163 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के किसानों को 75 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। इन कृषि यंत्रों में खेत की जुताई, फसलों की बुआई, निराई-गुड़ाई, फसलों की कटाई एवं उनकी दौनी से संबंधित शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अनुदानित दर पर कृषि यंत्र क्रय करने हेतु इच्छुक कृषकों से आॅन-लाईन आवेदन प्राप्त किये जा रहे हैं। राज्य के कृषक अपनी सुविधानुसार कहीं से भी आॅनलाईन आवेदन कर सकते हैं। कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्ति के लिए कृषि विभाग के वेबसाईट पर आवेदन लिये जा रहे हंै। आवेदन करने के पूर्व किसानों को कृषि विभाग, बिहार के डी॰बी॰टी॰ पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है, बिना पंजीकरण के आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा। कृषि विभाग द्वारा सी॰एस॰सी॰, सहज एवं वसुधा केन्द्रों पर किसानों के निःशुल्क निबंधन की व्यवस्था की गई है। वत्र्तमान वर्ष में यांत्रिकरण मेला अथवा मेला के बाहर भी अधिकृत विक्रेता से यंत्र क्रय करने पर किसानों के लिए अनुदान का प्रावधान किया गया है।
माननीय मंत्री ने कहा कि राज्य में रबी मौसम में इस माह से अनुमंडलस्तर पर कृषि यांत्रिकरण मेला का आयोजन की जा रहा है। कृषि यांत्रिकरण मेला का आयोजन नवम्बर से मार्च तक प्रत्येक माह आयोजित किया जायेगा। किसानों की सुविधा के लिए इस मेला का आयोजन जिला स्तर के बदले अब अनुमंडल स्तर पर किया जा रहा है। मेला आयोजन की तिथि से दो-तीन दिन पहले विभिन्न माध्यमों से मेला का वृहत प्रचार-प्रसार किया जाता है। इस मेला में कृषि यंत्रों के अतिरिक्त किसानों की जानकारी के लिए कृषि विभाग के सभी संभाग उद्यान, भूमि संरक्षण, पौधा संरक्षण, माप-तौल, मिट्टी जाँच प्रयोगशाला एवं बामेती (आत्मा) से संबंधित स्टाॅल भी लगाया जाता है।
डाॅ कुमार ने कहा कि पहले जिलास्तर पर कृषि यांत्रिकरण मेला का आयोजन होता था, जिससे किसानों को मेला में पहुँचने एवं वहाँ से उपकरण ले जाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। अब कृषि यांत्रिकरण मेला अनुमंडलस्तर पर आयोजित होने पर किसानों को कृषि यंत्र को क्रय करने एवं उसे ले जाने दोनों में सुविधा होगी। उन्होंने राज्य के किसानों से अपील किया कि राज्य में अनुमंडलस्तर पर आयोजित होने वाले कृषि यांत्रिकरण मेला में भाग लेकर कृषि यंत्रों का क्रय करें तथा इन पर सरकार द्वारा दिये जाने वाले अनुदान का लाभ उठावें।
27 नवम्बर से अनुमंडल स्तर पर कृषि यांत्रिकरण मेला का होगा आयोजन
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