पटना। राजधानी के सभी छठ घाटों की बैरिकेडिंग तीन लेयर में होगी। सभी बैरिकेडिंग में जाली लगी होगी, ताकि बांस-बल्ले के नीचे से कोई बाहर न जा सके। साथ ही बांस घाट से कलेक्ट्रेट घाट तक जाने के लिए पुल का निर्माण किया जाएगा। छठ को लेकर विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के लिए भी कहा गया। डीएम को हर शाम छठ की तैयारियों की समीक्षा करनी है। आयुक्त ने पेसू के महाप्रबंधक को घाट से लेकर एप्रोच पथ तक पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। पुलिस अधीक्षक यातायात को सेक्टर वाइज ट्राफिक तैयार कराने को कहा गया है।
पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता को बांस घाट से कलेक्ट्रेट घाट तक जाने के लिए पुल निर्माण कराने का निर्देश दिया गया है। महेंद्रू घाट पर पीपा पुल बनाने के लिए भी कहा गया है। गंगा पथ के निर्माणाधीन पुल के एप्रोच पथ को सुरक्षा के दृष्टिकोण से पूरी तरह बंद करने को कहा गया है। सिविल सर्जन को प्रत्येक घाटों पर चिकित्सा शिविर लगाने के लिए निर्देशित किया है।आयुक्त ने बताया कि खतरनाक घाटों की सूचना उपलब्ध नहीं होने के कारण घाटों को खतरनाक घोषित किये जाने के बावजूद कुछ स्थानीय छठ व्रती उस घाट पर पूजा करने चले आते है। उन्होंने सभी संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में पड़ने वाले असुरक्षित/खतरनाक घाटों को बैनर/होर्डिंग्स तथा विज्ञापन के माध्यम से इसकी सूचना आम जनता को दी जाए, ताकि श्रद्धालुओं को छठ पर्व के पूर्व इसकी जानकारी प्राप्त हो जाय और वे वैकल्पिक घाटों का चयन पर्व के पूर्व कर लें। आयुक्त ने सभी जिला के जिला पदाधिकारी को निर्देश दिया कि छठ पर्व के दौरान प्रत्येक छठ घाट पर एक कंट्रोल रूम अधिष्ठापित किया जाय, जो कि पब्लिक एड्रेस सिस्टम से युक्त हो तथा इसमें एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ के पदाधिकारी भी रहें। आयुक्त ने निर्देश दिया कि छठ घाटों पर प्रतिनियुक्त सेक्टर पदाधिकारी पूजा आयोजक समितियों से समन्वय स्थापित कर यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि जिला प्रशासन द्वारा जब उद्घोषणा या सूचनाएँ प्रसारित की जा रही हो तो वे अपन स्पीकर बंद रखें तथा दोनों के प्रसारण में समन्वय हो।
आयुक्त ने वरीय पुलिस अधीक्षी पटना सहित सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि छठ घाटों पर जाते समय गाड़ी को फँसने पर उसे निकालने के लिए प्रत्येक जिला में क्रेन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। महत्पवूर्ण घाटों पर एम्बुलेंस के साथ चिकित्सक, चिकित्सा कर्मी की प्रतिनियुक्ति जीवन रक्षक दवाओं के साथ की जाए। पीएमसीएच सहित सभी जिलों के जिला मुख्यालय स्पतालों को अल्र्ट पर रखा जाए।
हर घाट पर रहेगा मेडिकल सुविधा की व्यवस्था
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