सीएसआर फंड ट्रस्ट’ गठित करने का प्रस्ताव विचाराधीन- उपमुख्यमंत्री

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दुनिया के 190 देशों में व्यापार की सुगमता के मामले में 2014 में भारत जहां 142 वें स्थान पर था वहीं 79 अंकों के सुधार के साथ 2019 में 63 वें स्थान पर आने की सफलता पर भारत सरकार के कम्पनी मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘स्टेकहोल्डर्स व इंवेस्टरर्स सम्मिट-2019‘ को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ‘सीएसआर फंड ट्रस्ट’ गठित करने पर विचार कर रही है ताकि कम्पनी एक्ट के तहत बड़ी कम्पनियों द्वारा सामाजिक दायित्व के निर्वहन पर खर्च की जाने वाली 2 फीसदी राशि का ज्यादा हिस्सा बिहार के लिए हासिल किया जा सके। पिछले 4 वर्षों में खर्च हुए सीएसआर फंड के 8,636 करोड़ में से बिहार को मात्र 271 करोड़ ही मिल पाया है।
श्री मोदी ने कहा कि नोटबंदी के बाद जहां डिजिटल ट्रांजेक्शन में 3 गुना की वृद्धि हुई है वहीं पूरे देश में 3 साल में नगदी प्रवाह में 3 लाख 4 हजार करोड़ की कमी आई है। नोटबंदी के बाद बिहार में 19 हजार ऐसे खाते पाए गए जिनमें 2 लाख से अधिक तथा 1900 खाते में एक करोड़ से अधिक राशि जमा किए गए। आयकर विभाग ऐसे खातों की जांच कर रही है।
नोटबंदी के बाद पूरे देश में 3 लाख 38 हजार तथा बिहार में 5,913 फर्जी व निष्क्रिय कम्पनियों के निबंधन रद्द किए गए हैं। इनमें से बड़ी संख्या में ऐसी कम्पनियां थीं जो कालेधन को सफेद करने का गोरखधंधा व घोटाले को अंजाम दे रही थी।
जीएसटी के पूर्व बिहार में 1,59,721 डीलर निबंधित थे मगर जीएसटी लागू होने पर निबंधन प्रक्रिया के सरलीकरण के बाद आश्चर्यजनक ढंग से ढाई वर्षों में हुए 2 लाख 72 हजार नए निबंधन से संदेह होता है। 90,626 ऐसे करदाता पाए गए हैं जिन्होंने छह महीने से अधिक तक रिटर्न दाखिल नहीं किया। 7,368 फेक कारोबारियों के निबंधन को रद्द किया गया है। 319 कारोबारियों के परिसर के भौतिक सत्यापन में अब तक 18 फर्जी पाए गए हैं।

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