सभी बैंक अधिक-से-अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करायें।

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मंत्री, कृषि विभाग, बिहार श्री कुमार सर्वजीत की अध्यक्षता में कृषि भवन, मीठापुर, पटना में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की कृषि एवं उससे संबद्ध विषयों की उप समिति- I तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की उप समिति- II की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सचिव, कृषि विभाग, बिहार श्री संजय कुमार अग्रवाल, अपर सचिव-सह- निदेशक, सांस्थिक वित्त निदेशालय (वित्त विभाग) श्रीमती अभिलाषा कुमारी शर्मा, निदेशक उद्यान श्री अभिषेक कुमार, उप महाप्रबंधक, नाबार्ड श्री बी॰डी॰ नायक, उप महाप्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक श्री अजीत पांगरेकर, राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक-सह-सहायक महाप्रबंधक श्री संजीव कुमार सिंह सहित विभागीय पदाधिकारी एवं विभिन्न बैंकों के राज्य समन्वयक उपस्थित थे।
माननीय मंत्री ने कहा कि कृषि ऋण सभी योग्य किसानों को दिया जाये। अभी तक की प्रगति संतोषजनक नहीं है। किसान बहुत उम्मीद के साथ ऋण के लिए बैंकों में आवेदन करते हैं और बिना उचित कारण के उसे अस्वीकृत कर दिया जाता है। आवेदन प्रपत्र हिन्दी में सरल होने के साथ ऐसा हो कि आवेदक किसान को आवेदन करने में कोई कठिनाई नहीं हो। इसके साथ ही, बैंक भी अपने स्तर से आवेदन भरने में किसानों की मदद करें। उन्होंने कहा कि सभी बैंक अधिक-से-अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करायें। के॰सी॰सी॰ देने के बाद किसानों से लगातार सम्पर्क स्थापित कर उन्हें राशि ससमय वापस करने के लिए प्रोत्साहित भी करें, ताकि किसानों को कृषि ऋण पर ब्याज अनुदान का लाभ प्राप्त हो सके। किसान जानकारी के अभाव में समय पर राशि वापस नहीं कर पाते हैं, जिससे वे ब्याज पर अनुदान के लाभ से वंचित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि अन्य योजनाओं में भी लक्ष्य की प्राप्ति का हरसंभव प्रयास किया जाये।
सचिव, कृषि विभाग, बिहार श्री संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि कृषि ऋण को कई बैंकों द्वारा प्राथमिकता नहीं दी जाती है और बिना समुचित कारण के आवेदन अस्वीकृत कर दिया जाता है। उन्होंने समीक्षा के दौरान कुछ बैंकों द्वारा कृषि ऋण संवितरण के डाटा को चेक करने पर जोर दिया एवं रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के प्रतिनिधि को उपलब्ध प्रतिवेदन पर संज्ञान लेने को कहा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में बैंकों के प्रतिनिधियों से कहा कि किसानों को सही समय पर ऋण देना हम सबका लोक कर्त्तव्य है। कृषि ऋण की उदासीनता स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने नये कृषि रोड मैप के सफल क्रियान्वयन के लिए बैंकों को अपेक्षित सहयोग करने को कहा।
उन्होंने कहा कि पोस्ट हार्वेस्ट क्रिया-कलापों जैसे कोल्ड स्टोरेज, पैक हाऊस, रिपेनिंग हाऊस इत्यादि से संबंधित कृषि अवसंरचना के विकास हेतु ऋण आवेदनों की स्वीकृति के लिए शीघ्र कार्रवाई करें, ताकि किसानों को अधिक-से-अधिक लाभ मिल सके। साथ ही, महत्त्वपूर्ण कृषि क्षेत्र जैसे मखाना, शहद, चाय, बीज प्रस्संकरण, औषधीय पौधे इत्यादि पर विशेष ध्यान दिया जाये। कई बार कृषि ऋण स्वीकृति के लिए बैंकों द्वारा किसानों से अनावश्यक दस्तावेजों की माँग नहीं करने को कहा।

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