विधानमंडल के समक्ष शिक्षक देंगे धरना

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सेवा शर्त नियमावली का निर्धारण व सातवां वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप वेतनमान सहित लंबित मांगों को लेकर होगा धरना
तीनदिवसीय धरना कार्यक्रम 26 से 28 नवंबर तक चलेगा
प्रखंड से लेकर राज्यस्तर तक के शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्ष देंगे धरना
पटना। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा राज्य के नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों के चार वर्षों से लंबित सेवा शर्त नियमावली के निर्धारण, मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी सातवां वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में वेतनमान लागू करने सहित विभिन्न लंबित मांगों को लेकर आगामी 26 से 28 नवंबर तक विधानमंडल सत्र के दौरान विधान मंडल के समक्ष शांतिपूर्ण धरना दिया जायेगा।
यह जानकारी देते हुए बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सह विधान पार्षद केदारनाथ पांडेय और महासचिव सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने बताया कि यह निर्णय संघ के सचिव मंडल की आपातकालीन बैठक में लिया गया। उन्होंने बताया कि संघ द्वारा लगातार लिखित तथा जिला व प्रमंडल स्तर पर शांतिपूर्ण सत्याग्रह कार्यक्रमों द्वारा लंबित मांगों के संबंध में सरकार का ध्यान आकृष्ट किया जाता रहा है लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री की घोषणा और सरकार के आदेश के बावजूद भी सातवां वेतनमान की अनुशंसा के अनुरुप वेतनमान तथा सेवाशर्त नियमावली लागू करने में विभाग विफल रहा है। इससे शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों में व्यापक आक्रोश है।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने बताया कि विधान मंडल के समक्ष तीनदिवसीय शांतिपूर्ण धरना कार्यक्रम में 26 नवंबर को पूर्णिया, कोशी, तिरहुत प्रमंडल, 27 नवंबर को मुंगेर, दरभंगा और भागलपुर प्रमंडल तथा 28 नवंबर को पटना, मगध, सारण प्रमंडल के शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष सहित प्रखंड से प्रमंडल स्तर के सभी संघीय पदाधिकारी भाग लेंगे। साथ ही तीनों दिन राज्य संघ के सभी पदाधिकारी धरनास्थल पर उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने कहा कि इस बीच संघ के महासचिव सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) को पत्र लिख कर 25 नवंबर तक सभी मांगों का निष्पादन करने का भी अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों संघ द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय कन्वेंशन में विभिन्न प्रमंडलों से आये शिक्षक प्रतिनिधियों का सुझाव व मांग थी कि जिला व प्रमंडल स्तर सत्याग्रह व धरना के बाद आगामी विधानमंडल सत्र के दौरान राज्यव्यापी आंदोलन किया जाए।

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