*राज्य में 500 से अधिक जगहों पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए परिवहन विभाग जल्द निकालेगा रिक्तियां*
– प्रदूषण जांच केंद्र खुलने से 1000 से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार
– बिहार में वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने दी कई छूट
– अब प्रदूषण प्रमाणपत्र होंगे केवल ऑनलाइन जारी
– बिहार मोटरगाड़ी नियमावली, 1992 के नियमों में किया गया संशोधन
– पूर्व में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र पर मैकेनिकल/इलेक्ट्रिकल या ऑटोमोबाइल अभियंत्रण डिग्रीधारी/डिप्लोमाधारी का था प्रावधान, अब 12 वीं पास भी चला सकेंगे वाहन प्रदूषण जांच केंद्र
– परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने कहा वाहनों की प्रदूषण जांच में आसानी हो इसके लिए राज्य में अधिक से अधिक प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की कि जा रही कार्रवाई
– लोगों को मिलेगा रोजगार का एक विकल्प
– राज्य में अधिक से अधिक प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना के लिए अनुज्ञप्ति, नवीकरण, आवेदन सहित अन्य शुल्क में की गयी है कमी
– पहले वाहन प्रदूषण जांच केंद्र की अनुज्ञप्ति फीस 12000 था अब मात्र 5000 रुपया
– चलंत प्रदूषण जांच केंद्रों को भी दिया जाएगा बढ़ावा
– फर्जी प्रमाण पत्र लेकर नहीं चला सकेंगें वाहन
– आवेदन भी कर सकेंगे ऑनलाइन
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वाहनों के प्रदूषण की जांच और आम लोगों की सहूलित के लिए राज्य भर में पर्याप्त संख्या में प्रदूषण जांच केंद्र खोले जाएंगें। अधिक से अधिक वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खुले और आम लोग भी केंद्रों को चला सकें इसके लिए बिहार मोटर नियमावली, 1992 के नियमों में संशोधन किया गया है। परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि राज्य में 500 से अधिक जगहों पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए परिवहन विभाग जल्द ही रिक्तियां निकालने जा रहा है। इससे करीब 1000 से भी अधिक लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा।
*प्रदूषण जांच केंद्र के लिए मैकेनिकल/इलेक्ट्रिकल डिग्रीधारी की अनिवार्यता खत्म*
परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि अब इंटर (साइंस) पास व्यक्ति भी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र चला सकते हैं।
पूर्व में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र पर मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या ऑटोमोबाइल अभियंत्रण में डिग्रीधारी या डिप्लोमाधारी को ही वाहन प्रदूषण जांच केंद्र पर रखा जाना आवश्यक था। लेकिन, वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की पर्याप्त संख्या में वृद्धि हो सके, इसके लिए इंटरमीडिएट या 12वीं कक्षा (विज्ञान के साथ) उत्तीर्ण व्यक्ति को वाहन प्रदूषण जांच केंद्र पर रखे जाने का प्रावधान किया गया है।
*घटाया गया लाइसेंस, रिन्यूअल आदि का शुल्क*
राज्य में अधिक से अधिक प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना हो सके इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लिये जाने वाले अनुज्ञप्ति, नवीकरण, आवेदन सहित अन्य शुल्क में कमी की गई है। साथ ही वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों का लाइसेंस या लाइसेंस का रिन्यूअल आसानी से हो सके इसके लिए ऑनलाइन शुल्क जमा करने की व्यवस्था की गई है।
*बीएस-4 वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र की वैधता 1 साल और पुराने वाहन का 6 माह*
संशोधन नियमावली के तहत बीएस-4 या बीएस-6 की गाड़ियों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र की वैधता अधिकतम एक साल की होगी। वहीं पुराने वाहन के लिए अधिकतम 6 माह की अवधि के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा।
*वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए निर्धारित शुल्क*
1. प्रदूषण जांच केंद्र की अनुज्ञप्ति निर्गत करने के लिए फीस – अब 5000 रुपया- पहले 12000 रु.
2. प्रदूषण जांच केंद्र की अनुज्ञप्ति की नवीकरण करने के लिए फीस अब 5000 रुपया- पहले 12000 रु.
3. प्रदूषण जांच केंद्र की द्वितीयक अनुज्ञप्ति निर्गत करने के लिए पहले फीस- 500- अब 500 रु.
4. प्रदूषण जांच केंद्र के अनुज्ञप्ति निर्गमन/नवीकरण करने हेतु आवेदन फीस- अब 1000 रु.- पहले 3000 रु.
परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि हर प्रखंड में कम से कम एक वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोले जाएंगे। इसके साथ ही पेट्रोल पंप, वाहन विक्रय केंद्र एवं सर्विस सेंटर में भी केंद्र खोलने के प्रोत्साहित किया जाएगा। चलंत प्रदूषण जांच केंद्रों की स्थापना के लिए भी प्रावधान किये गये हैं ताकि अधिक से अधिक वाहनों की जांच की जा सके।