राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने एम्स, पटना में 9वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि योग मन और शरीर के बीच संतुलन स्थापित करने में काफी सहायक है और यह स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त आवश्यक है। योग का संबंध किसी धर्म विशेष से नहीं बल्कि शरीर से है और विश्व के अनेक देश इसे अपना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एलोपैथ के साथ योग और आयुर्वेद को समाहित कर एकीकृत चिकित्सा पद्धति अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने लाईलाज बीमारियों की चिकित्सा में योग और आयुर्वेद के उपयोग संबंधी अनुसंधान की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि पूर्व के दिनों में इन्हीं के द्वारा लोगों का इलाज हुआ करता था और उनकी आयु काफी लम्बी हुआ करती थी। राज्यपाल ने आयुर्वेद को भारत की मूल चिकित्सा पद्धति बताते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान यह काफी कारगर और असंख्य लोगों की जान बचाने में सफल रही है।
राज्यपाल ने कहा कि योग का अर्थ ‘जोड़ना’ होता है और चिकित्सकों को समाज के उन लोगों के साथ जुड़ना चाहिए जिन्हें इसकी आवश्यकता है।
उन्होंने योग प्रतियोगिता में उल्लेखनीय प्रदर्शन करनेवाले विभिन्न श्रेणी के प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया।
कार्यक्रम में एम्स, पटना के कार्यकारी निदेशक डॉ० गोपाल कृष्ण पाल, विभिन्न चिकित्सकगण, छात्र-छात्राएँ एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
योग मन और शरीर के बीच संतुलन स्थापित करने में सहायक -राज्यपाल
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