मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज सीवान जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड के भगवानपुर कॉलेज के प्रांगण में जल-जीवन-हरियाली यात्रा अंतर्गत जागरूकता सम्मेलन में 126 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से 302 विकासात्मक योजनाओं का उद्घाटन एवं 197 करोड़ 80 लाख रुपए की लागत से 151 योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट अनावरण कर शिलान्यास किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस जागरुकता सम्मेलन में शामिल होने के लिये आपको धन्यवाद देता हूॅ। सभी साथियों, अधिकारियों ने जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित महत्वपूर्ण बातें अपने वक्तव्य में कही हंै, इस पर गौर करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि जब से आपने सेवा करने का मौका दिया है, हम न्याय के साथ विकास के काम में लगे हैं। हर इलाके और हर तबके के विकास के लिए काम किए जा रहे हैं। हाशिए पर खड़े लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हंै। एस0सी0, एस0टी0, अतिपिछड़ों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों के विकास के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सुदूर इलाके से पटना पहुंचने के छह घंटे के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है। अब पांच घंटे के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई पुल-पुलियों का निर्माण एवं सड़कों के चैड़ीकरण जैसे कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सात निश्चय के अंतर्गत प्रत्येक गांवों को और टोलों को सड़कों से जोड़ा जा रहा है। यह अंतिम चरण में है। सात निश्चय के अंतर्गत हर घर नल का जल पहुंचाने का काम 45 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है और अगले वर्ष यह कार्य पूर्ण हो जाएगा। हर घर बिजली पहुंचा दी गई है। हर घर शौचालय निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। पेयजल और बिजली की उपयोगिता समझते हुए इसके दुरुपयोग को रोकना होगा। उन्होंने कहा कि अगर खुले में शौच से मुक्ति मिल जाए और लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो जाए तो होने वाली 90 प्रतिशत बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी कई कार्य किए गए हैं। जब सरकार में आए थे तो सर्वे कराने पर पता चला था कि 12.50 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं। टोला सेवक तालिमी मरकज के माध्यम से अल्पसंख्यक और महादलित समुदाय के बच्चों को स्कूलों तक पहुॅचाया गया। अब एक प्रतिशत से भी कम बच्चे स्कूलों से बाहर हैं। बच्चियों के लिए पोशाक योजना चलायी गई। हाई स्कूल के बच्चे एवं बच्चियों के लिए साइकिल योजना चलायी गई। अब लड़कियों की संख्या स्कूलों में काफी बढ़ी है। अब हाई स्कूल में पढ़ने वाले लड़के और लड़कियों की संख्या लगभग बराबर हो गई है। उन्होंने कहा कि जब सरकार में आए थे तो प्रजनन दर 4.2 था और अब वर्तमान में यह 3.2 है। सभी जानते हैं कि बिहार की जनसंख्या का घनत्व राष्ट्रीय औसत से तीन गुणा अधिक है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए हमलोगों ने कई उपाय सोचे। एक सर्वे से पता चला कि जब पति-पत्नी में पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का प्रजनन दर 2 है और बिहार का भी 2 है और जब पति-पत्नी में पत्नी इंटर पास है तो देश का प्रजनन दर 1.7 और बिहार का 1.6 है। इस आंकड़े से हमलोगों ने निष्कर्ष निकाला कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए लड़कियों को शिक्षित करना एक महत्वपूर्ण माध्यम हो सकता है। हमलोगों ने उच्च माध्यमिक विद्यालय खोलने का निर्णय लिया, जिसमें 6 हजार ग्राम पंचायतों में स्कूलों का निर्माण किया जा चुका है और बाकी में काम चल रहा है। अगले वर्ष से सभी ग्राम पंचायतों में 9वीं कक्षा की पढाई शुरु हो जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई कार्य किए गए हैं। फरवरी 2006 में सर्वे कराने पर पता चला कि प्रखंड स्तर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक माह में औसतन 39 मरीज आते हैं, हमलोगों ने डॉक्टर, नर्स, दवाइयाॅ एवं अन्य जरूरी इंतजाम किये, जिसका प्रतिफल हुआ कि आज प्रतिमाह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 10 हजार से भी ज्यादा हो गई है। उन्होंने कहा कि हमलोग पहले के काम तो कर ही रहे हैं और कुछ नया भी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि समाज सुधार के क्षेत्र में कई काम किए जा रहे हैं। राज्य में शराबबंदी को लागू किया गया, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धीरे-धीरे जलवायु परिवर्तन हो रहा है। पर्यावरण संकट की स्थिति बन रही है और प्रदूषण भी बढ़ रहा है। मॉनसून का समय पहले से अनियमित हो गया है। पहले औसत वर्षापात 1200 से 1500 मि0मी0 था। पिछले 30 वर्षों में यह 1027 मि0मी0 हो गया। पिछले 13 वर्षों में यह घटकर 901 मि0मी0 हो गया है। राज्य में कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ की स्थिति बनी रहती है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने आपदा से निपटने के लिए आपदा की स्थिति सुदृढ़ की और इसे आपदा प्रबंधन का नाम दिया। हमलोगों का मानना है कि सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। वर्ष 2007 में ढाई करोड़ लोग बाढ़ से प्रभावित हुए, जिनकी सहायता की गई। पिछले वर्ष 534 में 280 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित किए गए। इसी वर्ष जुलाई माह में काफी वर्षा हुई, फिर अगले माह सुखाड़ की स्थिति बनी और फिर सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में भारी वर्षापात होने से कई क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति बनी। राज्य में भूजल स्तर घटता जा रहा है और इसी तरह भूजल स्तर घटता गया तो पेयजल का भी संकट होने लगेगा। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने इन सब चीजों को पूरी गंभीरता से लिया है। हमने 13 जुलाई को सभी दलों के विधायकों एवं विधान पार्षदों के साथ इस पर गहन मंथन कर जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि इस अभियान के महत्व को हम सबको समझना होगा। जीवन के एक तरफ जल है तो एक तरफ हरियाली है। जल और हरियाली है, तभी जीवन बचेगा। उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली यात्रा के माध्यम से आप सबों को जागरुक करना चाहते हैं। हम अपने कार्यों की समीक्षा के लिए, जमीनी हकीकत को जानने के लिए यात्रा पर निकलते हैं। एक जगह के अच्छे कामों को दूसरे जगह हम बताते हैं। उन्होंने कहा कि जल-जीवन- हरियाली अभियान के तहत 11 कार्यक्रम शामिल किए गए हैं। सार्वजनिक तालाब, आहर, पईन, पोखर को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा और उसका जीर्णोद्धार किया जाएगा। सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार कराया जाएगा, चापाकल को भी बरकरार रखा जाएगा और इसके पास सोख्ते का निर्माण भी कराया जाएगा। जल संरक्षण के लिए पहाड़ी नदियों में चेकडैम का निर्माण कराया जाएगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से जल संग्रहित कर इसे जमीन के अंदर पहुंचाया जाएगा ताकि भूजल स्तर बरकरार रहे। उन्होंने कहा कि कृषि फीडर बनाकर किसानों को बिजली उपलब्ध करायी जा रही है और इसका दर भी 75 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है। सौर ऊर्जा ही अक्षय ऊर्जा है। हमलोगों को सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। सभी सरकारी भवनों में सोलर प्लेट लगाये जा रहे हंै और निजी भवनों पर इसे लगाने के लिए सबको प्रोत्साहित किया जा रहा है। तालाबों के ऊपर सौर प्लेट लगाकर बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। तालाब में नीचे मछली का उत्पादन भी साथ-साथ होता रहेगा। नीचे मछली और ऊपर बिजली होगी, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी, जो भी सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा उसे राज्य सरकार खरीदेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मॉडल मुझे अच्छा लगा और यह मॉडल सभी चैर इलाकों के लिए आदर्श बनेगा। चैर इलाके में सरकारी जमीन पर इस मॉडल को लागू करने की जरुरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 7.50 एकड़ में सोलर प्लेट लगाए जाने से एक मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। इससे आमदनी भी बढ़ेगी और पर्यावरण की रक्षा भी होगी। उन्होंने कहा कि आज कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया गया है, जिसमें राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज भी है। 75 करोड़ रूपये से 18 कि0मी0 लंबाई के स्टेट हाइवे संख्या-101 पर दो लेन सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा 105 करोड़ रूपये की लागत से 75 सड़कों का निर्माण कराया गया है। इस क्षेत्र के 31 सड़कों के निर्माण की स्थानीय विधायक श्री हेम नारायण साह ने जो मांग रखी है, उसे ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा मंजूरी दे दी गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में श्री बिल गेट्स पटना आए थे और जल-जीवन- हरियाली अभियान की जानकारी से वे काफी प्रभावित हुए। उन्होंने दिल्ली में बिहार में क्लाइमेट चेंज पर किए जा रहे कार्यों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि 19 जनवरी 2020 को दिन के 11.30 बजे जल-जीवन-हरियाली अभियान के समर्थन में, शराबबंदी एवं नशामुक्ति के पक्ष में, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ मानव श्रंृखला बनायी जाएगी। आप सबों से अपील है कि इस मानव श्रृंखला में शामिल होकर पिछली बनायी गई मानव श्रृंखला के रिकॉर्ड को तोड़ंे। इससे वातावरण बनेगा और इसका प्रभाव दूसरी जगहों पर भी पड़ेगा। यह मानव श्रृंखला जल-जीवन-हरियाली अभियान के प्रति पूरी प्रतिबद्धता को दर्शाएगा, जो दुनिया में एक मिसाल बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बंटवारे के बाद राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 9 प्रतिशत रहा। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना की गई और 19 करोड़ पौधे लगाए गए और राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 15 प्रतिशत तक पहुंच गया है। अगले तीन वर्षों में 8 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। वृक्षारोपण से हरित आवरण क्षेत्र तो बढ़ेगा ही, पेड़ ऑक्सीजन देगा और वर्षा होने की संभावना बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मौसम के बदलाव के अनुकूल फसल चक्र अपनाए जाने की जरुरत है। इसके लिए 8 जिलों में अनुसंधान शुरु हो गया है। मौसम के अनुकूल फसल चक्र अपनाने से फसल नष्ट होने से बचेंगे और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल अवशेष (पराली) जलाने की प्रवृति अपने राज्य में बढ़ी है, इससे पर्यावरण पर संकट उत्पन्न होता है। इस पर विचार-विमर्श के लिए पटना में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन भी करवाया गया था। कंबाइंड हार्वेस्टर वाले फसल जलाने के लिए प्रेरित करते हैं उनसे भ्रमित होने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि फसल कटाई में कुछ यंत्रों जैसे बुआई के लिए रोटरी कल्चर, फसल के छोटे-छोटे टुकड़े करने के लिए स्ट्रा रीपर, स्ट्रा बेलर, अवशेषों को इकट्ठा करने के लिए रिपर कम बाइंडर जैसे यंत्र का किसान उपयोग करें इसके लिए राज्य सरकार इन यंत्रों पर 75 प्रतिशत का अनुदान दे रही है। एस0सी0, एस0टी0, अतिपिछड़ों के लिये यह अनुदान 80 प्रतिषत तक है। फसल अवशेषों का उपयोग पशुचारे के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत जो काम शुरु किए गए हैं, उसे एक दूसरे को बताने और प्रोत्साहित करने की जरुरत है। जल-जीवन-हरियाली अभियान सिर्फ अभियान नहीं है, इसे क्रियान्वित करने के लिए भी हमलोग काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का 8 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र चैर इलाका है जिसमें छपरा, सीवान और गोपालगंज भी शामिल हैं। सिर्फ भगवानपुर हाट प्रखंड में 2504 एकड़ भूमि चैर है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के पूर्व अभी इसी प्रखंड के 35 एकड़ के एक चैर का भ्रमण करने के लिए हम गए थे, जिसमें 11 एकड़ का तालाब खुदवाया गया है, उसमें मछली पालन भी कराया जा रहा है। उस तालाब की मिट्टी को बाकी क्षेत्रों में फैलाकर उस पर छह किसानों ने खेती शुरु की है, उसमें पौधे भी लगाए जा रहे हैं और खेती भी की जा रही है। उसमें खस के पौधे लगाए जा रहे हैं, यह देखकर मुझे काफी प्रसन्नता हुई।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को पौधा, प्रतीक चिन्ह, फूलों की बड़ी माला एवं अंगवस्त्र भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया। दीप प्रज्ज्वलित कर जागरूकता सम्मेलन का मुख्यमंत्री ने विधिवत उद्घाटन किया। जल-जीवन-हरियाली अभियान पर आधारित एक पुस्तक का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर जीविका दीदियों को चेक प्रदान किये।
जनसभा को कला, संस्कृति मंत्री सह सीवान जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रमोद कुमार, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय, सांसद श्री जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, सांसद श्रीमती कविता सिंह, विधायक श्री हेम नारायण साह, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री गुप्तेश्वर पाण्डेय ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर विधायक श्री व्यास देव प्रसाद, विधायक श्री श्याम बहादुर सिंह, विधायक श्री रमेश सिंह कुशवाहा, विधायक श्री हरिशंकर यादव, विधायक श्री सत्यदेव राय, विधायक श्री वीरेंद्र नारायण यादव, विधान पार्षद श्री शिव प्रसन्न यादव, विधायक श्री व्यास सिंह, सीवान जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती संगीता यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, कला, संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव सह सीवान जिले के प्रभारी सचिव श्री रवि मनु भाई परमार, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री अरविंद कुमार चैधरी, सारण प्रमंडल के आयुक्त श्री आर0एन0 चोंग्थु, योजना एवं विकास विभाग के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, सूचना एवं जन-संपर्क विभाग के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, सारण प्रमंडल के पुलिस उप महानिरीक्षक श्री विजय कुमार वर्मा, जल-जीवन-हरियाली मिशन के मिशन निदेशक श्री राजीव रौशन, सीवान की जिलाधिकारी सुश्री रंजीता, सीवान के पुलिस अधीक्षक श्री नवीन चंद्र झा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरीय अधिकारीगण, जीविका की दीदियां एवं बड़ी संख्या में आमलोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम के पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर लगे विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत 51 लाख 55 हजार रूपये के चेक भी प्रदान किये। 1051 जीविका स्वयं सहायता समूहों को एस0बी0आई0 से निर्गत 15 करोड़ रुपए के चेक मुख्यमंत्री ने प्रदान किए। कार्यक्रम की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री ने भगवानपुर हाट प्रखंड के पांडेय पंचायत, मोहम्मदपुर के राजपुर टोला ग्राम के 35 एकड़ चैर क्षेत्र का भ्रमण किया, जिसमें 11 एकड़ में तालाब बनाया गया है। इसमें मत्स्य पालन किया जा रहा है और बाकी के इलाके में वृक्षारोपण और सब्जी की खेती की जा रही है।
मानव श्रृंखला जल-जीवन-हरियाली अभियान के प्रति पूरी प्रतिबद्धता को दर्शाएगा-मुख्यमंत्री
- sponsored -
- sponsored -