-बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने श्रद्धालुओं के लिए शुरू की फ्री बस सेवा बिहार की मेहमानवाजी से गदगद हैं देश-विदेश से आए सिख श्रद्धालु परिवहन विभाग की बस सेवा से श्रद्धालु काफी खुश- पंजाबी श्रद्धालुओं ने बताया कि बिहार सरकार द्वारा जो- जो सुविधा दी गई उससे काफी खुश हैं
– बसों से न सिर्फ पटना का दर्शन कर पा रहे हैं, बल्कि पटना के ऐतिहासिक स्थलों का भी कर रहे दीदार- परिवहन विभाग सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने कहा- श्रद्धालुओं की सेवा में लगी है परिवहन विभाग की 80 बसें विभिन्न रूट के लिए समर्पित
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गुरूगोविंद सिंह जी महाराज के 353 वें प्रकाश पर्व पर परिवहन विभाग की ओर से फ्री बस सेवा की शुरुआत की गई है। परिवहन विभाग द्वारा गुरू के दरबार से लेकर राजगीर और पटना के विभिन्न ऐतिहासिक, पर्यटनक स्थलों की फ्री में बस से सैर कराया जा रहा है। गुरूद्वारा और हांडी साहब गुरूद्वारा आदि जाने के लिए चिन्हित पार्किंग स्थल से बसों का आवागमन हो रहा है। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, टेंट सिटी आदि से विभिन्न मार्गों में बसें चलाई जा रही है।
परिवहन विभाग सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि पटना में परिवहन विभाग करीब 80 बसें श्रद्धालुओं के लगा रखे हैं, जिसमें 15 बसें विभिन्न मार्गों के लिए समर्पित है। सभी बसों में श्रद्धालुओं की फ्री सेवा दी जा रही है। हांडी साहब गुरूद्वारा से लेकर अन्य जगहों पर फ्री बस सेवा शुरू की गई है।
देश-विदेश से पटना पहुंचे सिख श्रद्धालु बिहार सरकार की मेहमाननवाजी से गदगद हैं। पंजाबी श्रद्धालुओं ने बताया कि बिहार सरकार द्वारा जो-जो सुविधाएं दी गई है इससे हमलोग काफी खुश हैं। सुविधाएं काबिले तारीफ है। मेहमाननवाजी के लिए बिहार सरकार, परिवहन विभाग के अधिकारी और पूरा प्रशासन बधाई के पात्र हैं।
परिवहन विभाग सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि श्रद्धालुओं की सेवा में बसों का परिचालन किया जा रहा है। हांडी साहब से गुरुद्वारा, गाय घाट, गुरू के बाग , बाल लीला गुरुद्वारा, पटना साहिब गुरुद्वारा, पाटलिपुत्रा, पटना जंक्शन, राजेंद्र नगर टर्मिनल से अन्य जगहों पर आने-जाने के लिए फ्री में बस की सेवा दी जा रही है। पटना एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन आदि से भी श्रद्धालुओं को आने-जाने के लिए बस की व्यवस्था की गई है।
अमृतसर से आये सिख श्रद्धालु गुरुचरण सिंह ने बताया कि बिहार सरकार की मेहमाननवाजी काबिले तारीफ है। यहां आकर लगता ही नहीं कि हम अपने घर से दूर हैं। हर जगह अमृतसर का अक्स यहाँ दिख रहा है।