जिलाधिकारी, पटना डाॅ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज ज़ूम के माध्यम से बैठक आयोजित कर खरीफ विपणन मौसम, 2022-23 में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार धान अधिप्राप्ति, किसानों को भुगतान, मिलिंग की गति, एफआरके की उपलब्धता तथा एसएफसी को सीएमआर की आपूर्ति की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि धान अधिप्राप्ति की अंतिम तिथि 15 फरवरी, 2023 है। ससमय धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रखंडवार लक्ष्यों के विरूद्ध अधिप्राप्ति, मिलिंग की गति, एफआरके की उपलब्धता तथा सीएमआर गिराव पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने क्रय किए गए धान के विरूद्ध किसानों को राशि का त्वरित भुगतान करने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि प्रतिदिन लक्ष्य के अनुसार चार हजार से पाँच हजार मे.टन धान का क्रय किया जाए। जिला सहकारिता पदाधिकारी इसका अनुपालन सुनिश्चित कराएंगे। उन्होंने कहा कि समयबद्ध ढंग से गुणवत्तापूर्ण धान अधिप्राप्ति कार्य का संचालन करें।विदित हो कि धान अधिप्राप्ति में लक्ष्य के विरुद्ध उपलब्धि के मामले में पटना जिला राज्य में टाॅप-3 में है। डीएम डाॅ. सिंह ने इसपर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के निर्देश के आलोक में पदाधिकारीगण सक्रिय रहकर समय सीमा में लक्ष्य की प्राप्ति हेतु कार्य करें।डीएम डाॅ. सिंह ने कहा कि समीक्षा के क्रम में ऐसा पाया जा रहा है कि प्रतिवेदित मिलिंग क्षमता के अनुरूप सीएमआर तैयार नहीं हो रहा है। इससे धान अधिप्राप्ति का पूरा चक्र प्रभावित होने की संभावना है। ऐसी स्थिति में प्रतिवेदित मिलिंग क्षमता से कम मिलिंग करने वाले सभी सम्बद्ध मिलों की जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम एवं अनुमंडल पदाधिकारी प्रतिवेदन उपलब्ध कराएंगे ताकि मिलों की पूर्ण क्षमता का उपयोग एवं सीएमआर की प्राप्ति पूर्व निर्धारित कार्य योजना के अनुरूप सुनिश्चित की जा सके। डीएम डाॅ. सिंह ने कहा कि मिलिंग क्षमता के विरूद्ध धीमी गति से मिलिंग करने वाले मिलों पर कार्रवाई की जाएगी।डीएम डॉ. सिंह द्वारा सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत प्रखंडों के माहवार एवं दैनिक निर्धारित लक्ष्य के अनुसार धान अधिप्राप्ति करने के लिए नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया।जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि पटना जिला में कुल 331 पैक्स एवं 24 व्यापारमंडल है। कुल चयनित पैक्सों/व्यापारमंडलों की संख्या 287 है जिसमें 277 पैक्स तथा 10 व्यापारमंडल शामिल है। अधिप्राप्ति वर्ष 2022-23 अंतर्गत धान की बिक्री हेतु अबतक 66,518 किसानों द्वारा ऑनलाईन निबंधन किया गया है जिसमें 20,721 रैयत एवं 45,797 गैर रैयत है। जिला का धान उत्पादन 5.81 लाख मे.टन है। पटना जिले के लिए सांकेतिक धान खरीद का लक्ष्य 2,15,948 मे. टन है। अबतक कुल 287 अनुमोदित समितियों में से 286 सक्रिय समितियों के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकृत कुल 30,691 किसानों से 1,82,226.156 मे. टन धान का क्रय किया गया है जो कुल लक्ष्य का 84.38 प्रतिशत है।आज दैनिक लक्ष्य 4,286.355 मे. टन धान के क्रय के विरूद्ध 4,855.356 मे. टन धान का क्रय किया गया है जो दैनिक लक्ष्य का 113.27 प्रतिशत है।नमी मापक यंत्र की संख्या 287 है। बैंक से कैश क्रेडिट स्वीकृत राशि 399.33 करोड़ है।जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि शत-प्रतिशत चयनित समितियों को राईस मिल से सम्बद्ध किया गया है। साथ ही चयनित 287 समितियों में शत-प्रतिशत का अंकेक्षण कर लिया गया है। 12 राईस मिल का सत्यापन किया गया है। एसएफसी से पैक्स को भुगतान की गई राशि 35,99,23,445.20 रुपया है।डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी अनुमोदित समितियों द्वारा धान का क्रय किया जाना सुनिश्चित करें।
डीएम डॉ. सिंह ने प्रखंडों के निर्धारित दैनिक लक्ष्य, मासिक लक्ष्य एवं जिला के धान क्रय हेतु सांकेतिक लक्ष्य के अनुसार प्रतिदिन चार हजार से पाँच हजार मे.टन धान का क्रय करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि जिला सहकारिता पदाधिकारी इसका अनुपालन सुनिश्चित कराएंगे।डीएम डॉ. सिंह द्वारा क्रय किए गए धान के विरूद्ध किसानों को राशि के भुगतान किए जाने की प्रक्रिया में अपेक्षित तेजी लाने का निर्देश दिया तथा किसानों के लंबित राशि का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से 48 घंटे के अंदर करने का प्रबंध निदेशक, पाटलिपुत्र को-ओपरेटिव बैंक, पटना को निदेश दिया गया। क्रय किए गए धान का मूल्य 2,040+25 रुपया/क्विंटल की दर से कुल भुगतेय राशि 376.30 करोड़ रुपये के विरूद्ध 21,624 किसानों को 276.24 करोड़ रुपये ( 73.41 प्रतिशत ) बैंक से भुगतान किया गया है।डीएम डॉ. सिंह द्वारा भुगतान प्रक्रिया में तेजी लाने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में एक भी किसान का भुगतान लंबित न रहे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में पैक्स एवं प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी के स्तर पर एडवाइस का सत्यापन लंबित नहीं रहना चाहिए। किसान से धान खरीद होते ही उसी तिथि को संबंधित प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी एडवाइस का अविलंब सत्यापन कर राज्य खाद्य निगम के लॉग-इन पर भेजना सुनिश्चित करेंगे तथा राज्य खाद्य निगम उसी दिन उस एडवाइस का सत्यापन कर को-ओपरेटिव बैंक भेजेंगे और बैंक में एडवाइस प्राप्त होने के उपरांत उसी तिथि को बैंक एवं जिला प्रबंधन आपस में समन्वय स्थापित कर 48 घंटे के अंदर भुगतान करना सुनिश्चित करेंगे।डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि भुगतान लंबित रहने की स्थिति में इसे गंभीरता से लिया जाएगा। सभी संबंधित पदाधिकारी अपने स्तर से भुगतान से संबंधित कार्य किसी भी परिस्थिति में लंबित नहीं रखेंगेे। प्रत्येक दिन लंबित भुगतान से संबंधित मामला शून्य रहना चाहिए।
समीक्षा में पाया गया कि क्रय किए गए धान का समतुल्य कुल सीएमआर 1,23,913.786 मे.टन है। एसएफसी को आपूर्ति किया गया सीएमआर 16,772.44 मे.टन (578 लॉट) है जो कुल एफआरके लॉट का 13.54 प्रतिशत है। डीएम डॉ. सिंह ने जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम एवं जिला सहकारिता पदाधिकारी को गैप शून्य करने का निदेश दिया। उन्होंने निदेश दिया कि जिनको भी एफआरके दिया गया है वे सीएमआर गिराव हर हाल में सुनिश्चित करें। डीएम डाॅ. सिंह ने जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम को यह भी निदेश दिया कि एफआरके खरीद कर फोर्टिफायड उसना चावल गिराने वाले मिलों के एफआरके का नियमानुसार शीघ्र भुगतान करें ताकि सीएमआर की आपूर्ति में तेजी लाई जा सके। सभी अनुमंडल पदाधिकारी, जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम एवं जिला सहकारिता पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि वैसे पैक्स/व्यापारमंडल और मिलर, जो अपने साथ सम्बद्ध मिल एवं समिति के साथ एकरारनामा करने में विलंब कर रहे हैं, उन्हें चिन्ह्ति कर नियमानुसार कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।
डीएम डॉ. सिंह ने दैनिक निर्धारित लक्ष्य के अनुसार सभी प्रखंडों में धान क्रय करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि सभी अनुमोदित समितियों द्वारा धान का क्रय किया जाना सुनिश्चित करें। यदि किसी भी पैक्स/व्यापारमंडल के द्वारा अधिप्राप्ति कार्य का विरोध किया जाता है तो उसे चिन्ह्ति कर विधिसम्मत आवश्यक कार्रवाई करें। साथ ही उसके पैक्स के लक्ष्य को किसानों की सुविधा के मद्देनजर बगल के पैक्स को हस्तांतरित करने की कार्रवाई करें। उन्होंने जिला सहकारिता पदाधिकारी को भ्रमणशील रहकर धान अधिप्राप्ति में आ रही बाधा को तुरत दूर करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने सभी अनुमोदित समितियों को सीसी लिमिट उपलब्ध कराकर अविलंब धान क्रय प्रारंभ कराना सुनिश्चित करने का निदेश दिया।डीएम डॉ. सिंह ने जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम तथा जिला सहकारिता पदाधिकारी को आपस में समन्वय स्थापित कर पैक्स/व्यापारमंडल तथा मिलरों के बीच एकरारनामा कराते हुए फोर्टिफायड उसना चावल का गिराव कराना सुनिश्चित करने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम तथा जिला सहकारिता पदाधिकारी को आपस में समन्वय स्थापित कर सम्बद्ध मिलों एवं पैक्सों के बीच एकरारनामा कराते हुए अधिप्राप्त धान के विरूद्ध अविलंब अग्रिम फोर्टिफायड चावल प्राप्त करने की कार्रवाई सुनिश्चित करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम तथा जिला सहकारिता पदाधिकारी को निदेश दिया कि अनुमंडलवार भ्रमण कर अधिप्राप्ति कार्य में आ रहे बाधा का निराकरण करते हुए धान/फोर्टिफायड उसना चावल अधिप्राप्ति दैनिक लक्ष्य के अनुसार तीव्र गति से कराना सुनिश्चित की जाए।डीएम डाॅ. सिंह ने जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम को निदेश दिया कि धान क्रय हेतु लक्ष्य के अनुरूप प्रखण्डवार समीक्षा कर आवश्यकतानुसार गन्नी बैग की उपलब्धता सुनिश्चित करें। किसी भी स्थिति में इसकी कमी नहीं होनी चाहिए।
डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि धान क्रय की रिर्पोटिंग मोबाईल ऐप के माध्यम से प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी से प्राप्त कर समेकित प्रतिवेदन जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा दैनिक रूप से जिला आपूर्ति कार्यालय को उपलब्ध कराया जायेगा।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, पटना जिला अपने क्षेत्रान्तर्गत गुणवत्तापूर्ण अधिप्राप्ति हेतु जिम्मेवार होंगे। उक्त क्रम में वे क्रय केन्द्रों पर नियमित निरीक्षण करते हुए विभागीय निदेशों का सख्ती से अनुपालन करायेगें। किसी भी परिस्थिति में ऑनलाईन चयनित किसानों से ही धान क्रय किया जाए। बिचैलिये या अन्य कोई संगठन से क्रय किये जाने का मामला प्रकाश में आने पर इसे गंभीरता से लिया जाएगा। डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि सभी प्रखण्डों के नोडल पदाधिकारी सरकार के निदेशानुसार सप्ताह में तीन दिन क्षेत्र का भ्रमण कर क्रय केन्द्रों का निरीक्षण करेगें एवं क्षेत्र भ्रमण कर धान बिक्री करने वाले किसानों से साक्षात्कार कर सत्यापन करेगें एवं प्रतिवेदन समर्पित करेगें।
डीएम डॉ. सिंह ने सभी संबद्ध पदाधिकारियों को धान अधिप्राप्ति कार्य में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने का निदेश दिया है।
पटना में अभी तक 84 प्रतिशत से अधिक धान की अधिप्राप्ति, पूरे राज्य में टॉप-3 में
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