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- माध्यमिक शिक्षक संघ की एकदिवसीय कन्वेंशन में शिक्षकों ने लिया फैसला
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन व समान सेवाशर्त सहित कई अन्य मांगों को लेकर आगामाी आंदोलन व संघर्ष पर विचार-विमर्श एवं उसे तीव्रतर करने की रणनीति तैयार करने को लेकर पटना प्रमंडल माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा शिक्षकों का एकदिवसीय कन्वेंशन राजधानी के जमाल रोड स्थित माध्यमिक शिक्षक संघ कार्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। इस कन्वेंशन में पटना प्रमंडल के छह जिलों के प्रखंड से लेकर जिला स्तर के संघीय पदाधिकारी सहित सैकड़ों की संख्या में शिक्षक व पुस्तकालाध्यक्षों ने भाग लिया।
कन्वेंशन सभा में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के राज्य प्रतिनिधि के रूप में हिस्सा लेते हुए संयुक्त सचिव विनय मोहन ने कहा कि माध्यमिक शिक्षक संघ के संघर्ष का इतिहास काफी गौरवशाली है और उम्मीद करते हैं कि नियोजित शिक्षकों के सम्मान व अधिकार के लिए आगामी संघर्ष व आंदोलन भी शिक्षा जगत के लिए एक मिल का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के सुझाए अहिंसक व सत्याग्रह के रास्ते पर चलते हुए आगामी दो अक्टूबर को उनकी जयंती के अवसर पर सभी जिला मुख्यालयों पर गांधी मूर्ति के समक्ष शिक्षकों द्वारा एकदिवसीय सत्याग्रह से इस संघर्ष व आंदोलन का शंखनाद होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पटना प्रमंडल माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष बद्री नारायण सिंह ने कहा कि सरकार शिक्षकों को वर्गीकृत कर आपसी मतभेद पैदा करने, अपने ही विद्यालयों को बदनाम करने व शिक्षा का बाजारीकरण की ओर धकलने की साजिश कर शिक्षकों की संवैधानिक, मौलिक व जायज मांगों को दबाना चाहती है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए पटना माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव चंद्रकिशोर कुमार ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को हक दिलाने के लिए चाहे जो भी कुर्वानी देनी पड़े हम सभी उसके लिए तैयार है और इस बार का संघर्ष व आंदोलन आर-पार की लड़ाई होगी।
राज्य कार्यसमिति के सदस्य प्रभाकर कुमार ने नियोजित माध्यमिक शिक्षकों को सातवें वेतनमान के अंतर्गत लागू पे मैट्रिक्स-7 व उच्च माध्यमिक शिक्षकों को पे मैट्रिक्स-8 लागू करने, वेतन प्रोन्नति, पेंशन, पीएफ, ग्रुप बीमा एवं सहित सेवाशर्त लागू करने, माध्यमिक शिक्षकों को पंचायती राज्य व्यवस्था से मुक्त करने तथा नियुक्ति व स्थानांतरण जिला व प्रमंडल स्तर पर निर्धारित करने की मांग को रखा जिसे सभा ने ध्वनि मत से पारित कर दिया।
कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ शिक्षाविद् अक्षय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि आज शिक्षकों को न सिर्फ अपनी हक की लड़ाई लड़नी है बल्कि पूंजीपतियों के कब्जे में जा रही शिक्षा तथा उसकी व्यवस्था को भी बचाना है ताकि राज्य के 80 प्रतिशत से अधिक बच्चे जो शिक्षा की दोहरी मापदंड को झेल रहे हैं उन्हें उनका भविष्य बचाते हुए बेहतर व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाई जा सके।
कार्यक्रम में अपने विचार रखने वालों में राज्य कार्यसमिति सदस्य मृत्युंजय कुमार, नालंदा जिला संघ के अश्विनी, पंकज भारती, बक्सर जिला संघ के ज्ञान प्रकाश व अमरनाथ, रोहतास जिला संघ के रंजय कुमार, सतीश पांडेय व पंकज, भोजपुर जिला संघ के मुक्तेश्वर उपाध्याय, डीएन राय व विनय कुमार, कैमूर जिला संघ के रामाशीष सिंह, ब्रजेश कुमार, पंकज कुमार व भूपेश कुमार, पटना जिला संघ के नम्रता, जयनंदन यादव व गौतम महात्मा अपने विचार रखते हुए आंदोलन व संघर्ष की रणनीति सुझाई। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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