जल-शक्ति अभियान में पूरे देश में गया जिला को मिला प्रथम स्थान

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पटना। यह बिहार राज्य के लिए बड़े गर्व की बात है कि भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण द्वारा जल-शक्ति अभियान के अंतर्गत चयनित जिलों की रैंकिंग की गई है, इस रैंकिंग में गया जिला को प्रथम स्थान दिया गया है। विदित हो कि इस रैंकिंग में देश के 33 राज्यों के 253 जिलों में गया को सर्वाधिक 81.06 अंक प्राप्त हुआ है, जबकि दूसरे स्थान पर तेलांगाना राज्य के महबूब नगर को 67.09 अंक, तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश के कदपा को 63.64 अंक तथा चैथे स्थान पर झारखण्ड के धनबाद को 62.48 अंक प्राप्त हुए हैं।
पूरे देश में 36 राज्य के 256 जिले के 1592 प्रखण्डों को इस कार्यक्रम के लिए चयनित किया गया है। बिहार राज्य के 12 जिले पटना, गया, नालंदा, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, सारण, कटिहार, नवादा, जहानाबाद, गोपालगंज, भोजपुर एवं वैशाली में जल-शक्ति अभियान का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इन 12 जिलों के 30 वैसे प्रखण्ड, जहाँ जल संकट की सम्भावना सबसे ज्यादा है, इस योजना में शामिल किये गये हैं तथा प्रत्येक जिला के लिए भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी को इसकी जिम्मेवारी दी गई है। चुँकि भूगर्भीय जल का सबसे अधिक उपयोग कृषि कार्य में होता है, इसलिए सबसे बड़ी जिम्मेवारी कृषि विभाग की है। कम-से-कम पानी के उपयोग से अधिक फसल उत्पादन की तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है तथा इसके लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। कम पानी में अधिक उपज देने वाले नये-नये फसलों के प्रभेदों को विकसित किये जाने की आवश्यकता है। जिस प्रकार मौसम में परिवर्तन आ रहा है। अब समय आ गया है कि हमें पारम्परिक फसल चक्र को बदलना होगा। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों को अहम् भूमिका निभानी होगी। पारम्परिक जलस्रोतों जैसे आहर, पईन आदि को पुनजीर्वित किया जा रहा है। अधिक-से-अधिक तालाबों का निर्माण किया जा रहा है। वर्षा जल संचय एवं संरक्षण के लिए व्यापक कार्य किये जाने की आवश्यकता है। घर का पानी घर में, खेत का पानी खेत में एवं गाँव का पानी गाँव में के सिद्धांत पर कार्य किया जा रहा है।

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