पटना। राष्ट्रीय जनता दल ने आरोप लगाया है कि मनरेगा योजना के तहत चलाये गये ” वृक्षारोपण ” कार्यक्रम के तरह हीं ” जल – जीवन हरियाली ” योजना के माध्यम से सरकारी खजाने को लूटने की कवायद हो रही है ।पार्टी प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि जिस प्रकार मनरेगा योजना के तहत चलाये गये ” वृक्षारोपण ” कार्यक्रम के नाम पर हजारों करोड़ रुपयों का घोटाला किया गया उसी प्रकार जल और पर्यावरण संरक्षण के नाम पर जल – जीवन हरियाली के नाम पर हजारों करोड़ रुपये का घोटाला करने का साजिश चल रहा है ।राजद नेता ने कहा कि एनडीए सरकार की यह परिपाटी रही है कि वह शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और रोजगार जैसी मूलभूत समस्याओं को नजरअंदाज कर लोक लुभावन नारे और योजनाओं के नाम पर सरकारी खजाने को लूटती रही है।राजद नेता ने पर्यावरण संरक्षण के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले सरकार के मुखिया से यह बताने को कहा है कि मनरेगा योजना के तहत राज्य में लगाये गये कुल 8570800 वृक्षों मे से कितने वृक्षों का अस्तित्व अभी बरकरार है। यदि नहीं है तो क्या इन्हें कागज के पन्नों पर हीं लगाकर इनके पैसे हड़प लिए गये। यदि ये वृक्ष आज बरकरार रहते तो आज बिहार को पर्यावरण का रोना नहीं रोना पड़ता ।राजद नेता ने बताया कि केंद्र की यूपीए सरकार द्वारा काफी महत्वाकांक्षी योजना ” मनरेगा ” चलाया गया था । पर्यावरण और रोजगार को ध्यान में रखते हुए राज्यों को इस योजना के तहत सार्वजनिक भूमि और बीपीएल परिवारों के जमीन पर फलदार और बिना फल वाले पेड़ लगाने की इजाजत दी गई थी । पेड़ों की सुरक्षा और पटवन के लिए भी प्रति 200 पेड़ पर 144 रूपया प्रति दिन के हिसाब से एक मजदूर रखने का प्रावधान किया गया था । बिहार की एनडीए सरकार द्वारा वित्तिय वर्ष 2010 -11 में प्रति पंचायत न्यूनतम 1000 पेड़ लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया । वर्ष 2012 – 13 तक बेगुसराय और कैमूर जिला को छोड़कर राज्य के 36 जिलों में 8570800 पेड़ लगाये गये । पर वास्तविकता यह है कि ये पेड़ केवल कागज के पन्ने पर हीं लगाये गये और खानापूरी कर हजारों करोड़ रुपये घोटाले की भेंट चढ़ गए । आज उसी के बदले स्वरूप और नारे के साथ ” जल – जीवन हरियाली ” के नाम पर दूसरे घोटाले की तैयारी कर रही है ।
जल – जीवन , हरियाली के नाम पर सरकारी खजाने लूटने की कवायद
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