आज दिनांक 30 अक्टूबर 2023 को डॉ. चक्रपाणि हिमांशु की अध्यक्षता में बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग, पटना के तृतीय बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य बाल श्रम से जुड़े बच्चों के विमुक्त कराने के लिए जागरूकता अभियान के प्रचार प्रसार को लेकर रही। इसके अंतर्गत प्रचार प्रसार मेला, सूचना बूथ, कला और शिल्प गतिविधियों, दृश्यों, व्यक्तिगत कहानियों, कार्यशाला का आयोजन, सोशल मीडिया अथवा प्रखंड स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाकर बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया जा सकता है। ईंट भट्ठों पर कार्यरत बाल श्रमिकों को विमुक्त कराने के लिए विशेष छापेमारी और धावादल के कार्य करने पर भी सहमति बनी। बैठक को संबोधित करते हुए बिहार राज्य बाल श्रम आयोग के अध्यक्ष, डॉ चक्रपाणी हिमांशु ने कहा कि बाल श्रम से काफी बच्चे विमुक्त हुए हैं और विभाग लगातार इस काम कर रहा है। सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन जो बाल मज़दूरी को बढ़ावा देने में मुख्य कारक के तौर पर काम करता है, उसे ख़त्म करना अत्यंत आवश्यक है। इस दिशा में श्रम संसाधन विभाग एवं समाज कल्याण विभाग ने जागरूकता फैलाने के अलावा कई कार्यक्रम चलाए हैं जिससे बाल श्रम में गिरावट आई है। लेकिन अभी भी काफ़ी कुछ किए जाने की ज़रूरत है। बाल मज़दूरी के चंगुल से बच्चे-बच्चियों को मुक्त कराने में सरकार के साथ-साथ जीविका दीदियों, पंचायती राज संस्थाओं एवं सामाजिक संगठनों की भी अहम भूमिका को रेखांकित करते हुए उनसे मिलजुल कर पूरी सक्रियता व संवेदनशीलता के साथ कार्य करने का आह्वान किया। जिस तरह से शराबंदी को लेकर स्कूली बच्चों और जीविका दीदियों द्वारा जन जागरूकता अभियान चलाकर इसे सफल बनाया गया ठीक उसी प्रकार से बाल श्रम मुक्त बिहार बनाने में अपनी सहभागिता निभाएं। ईंट भट्टों पर कर कर रहे बच्चों को विशेष रूप से विमुक्त किया जाए और इस पर विशेष अभियान चलाकर टीम के सदस्य धावादल बनाकर छापेमारी करें। राज्य में आयोजित होने वाले मेलों या अन्य आयोजनों में एक एक स्टॉल बाल श्रम के जागरूकता को लेकर लगाएं और लोगों को इससे जागरूक करें। अधिकारियों के बीच संबंध जितना अच्छा होगा तो कार्य का परिणाम भी अच्छा निकलेगा। जिले में कौशल विकास केंद्र, श्रम अधीक्षक, श्रम उपाधीक्षक और तालीम मरकज के लोग भी मिलकर जागरूकता अभियान निकाले तो सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार राज्य बाल श्रम आयोग के उपाध्यक्ष, श्री राजीवकान्त मिश्रा ने कहा ने कहा कि हमारे और आपके प्रयास से ही बाल श्रम विमुक्त बिहार बनाया जा सकता है, इसलिए हम सभी को आगे आना होगा। समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेवारी है कि जिनको भी बाल श्रम की जानकारी प्राप्त होती है वो इससे विभाग को अवगत कराएं। प्रखंड और पंचायत स्तर पर टोला सेवकों, विकास मित्रों को भी इस बाल श्रम मुक्त अभियान से जोड़ा जाए ताकि इसका व्यापक प्रचार प्रसार हो सके। सोशल मीडिया के विभिन्न आयामों पर प्रचार प्रसार का होना लोगों पर विशेष असर डालता है। साथ ही वैसे बच्चे जो किसी कारणवश नशा के शिकार हो गए है उनको भी मुख्यधारा से जोड़ा जाए।
श्रमायुक्त रंजीता ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हमलोग लगातार बाल श्रम से बच्चों को मुक्त करने का कार्य कर रहे हैं वही अब शादी विवाह के अवसर पर भी धावादल का गठन कर छापेमारी की जायेगी ताकि इस अवसर पर कार्यक्रम बच्चों को विमुक्त कराया जा सके। महिला कामगारों को लेकर हमारी बातचीत चल रही है और जैसे ही सकारात्मक रुझान मिलते हैं तो उनको भी विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इसके अलाव कार्यशाला के जरिए उनको जागरूक किया जाएगा। हर विभाग अपने दिशा निर्देशानुसार कार्य करे तो हमें काम करने में काफी सहूलियत होगी। ईंट भट्ठों पर कार्य करने वाले बच्चों के लिए पढ़ाई के साथ साथ क्रेच की व्यवस्था की जा रही है। उक्त अवसर पर मसौढ़ी की विधायक श्रीमति रेखा पासवान, एमएलसी श्री सौरभ कुमार, विधान पार्षद श्री रवीन्द्र प्रसाद सिन्हा के साथ साथ यूनिसेफ, संबंधित विभाग के वरीय पदाधिकारीगण मौजूद रहे।
ईंट भट्टों पर कार्य करने वाले बच्चों को लेकर चलाया जाएगा विशेष अभियान
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