इतिहास बदलने वालों से देश को बचाना है: नीतीश कुमार

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जदयू मुख्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में आज बिहार प्रदेश जदयू के प्रभारी पदाधिकारियों की दो दिवसीय संसद सम्पन्न हुई। समापन सत्र में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार विशेष रूप से शामिल हुए। उनके साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, वरिष्ठ नेता श्री बशिष्ठ नारायण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा, विधानपार्षद श्री संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, श्री नीरज कुमार, श्री ललन सर्राफ, श्री रवीन्द्र प्रसाद सिंह सहित सभी मुख्यालय प्रभारीगण, प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्षगण, प्रदेश प्रवक्तागण उपस्थित रहे।
इस दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग इतिहास को बदलना चाहते हैं, ऐसे लोगों से देश को बचाना है। इन लोगों ने हर चीज पर कब्जा कर लिया है। सब कुछ एकतरफा हो रहा है। ये लोग काम नहीं कर रहे, केवल प्रचार करते हैं। नया कौन-सा काम हो रहा है? सच्चाई तो यह है कि इन लोगों ने 1998 से 2004 के बीच के काम को भी पूरा नहीं किया? उन्होंने कहा कि हमलोगों ने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा, लेकिन नहीं मिला। गरीबी के बावजूद हमलोगों ने विकास का सारा काम किया।
श्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में धार्मिक उन्माद को हमलोगों ने ना के बराबर कर दिया, लेकिन कुछ लोग अब फिर से उसे कराने की कोशिश में हैं। हमलोग जाति गणना के पक्ष में हैं, लेकिन कुछ लोग चाहते हैं कि ये ना हो। जब भी अच्छा काम करिएगा, कहीं ना कहीं से आपको रोकने की कोशिश होगी, लेकिन हमलोगों को अपना काम करना है। जदयू अकेली पार्टी है जिसमें सभी जाति और धर्म के लोग हैं। अपने काम को लेकर एक-एक घर जाइए। सबसे बात करिए और सुझाव लीजिए।
श्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि हमलोगों ने जब महागठबंधन बनाया तो देश की बहुत सारी राजनीतिक पार्टियों ने बधाई दी। हमलोग विपक्षी एकता के काम को आगे बढ़ा रहे हैं। जल्द ही इसका सार्थक परिणाम निकलेगा।
राज्यसभा के वरिष्ठ सदस्य व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि श्री नीतीश कुमार ने जितनी यात्राएं की हैं, उतनी देश के किसी मुख्यमंत्री ने नहीं की। वे जनता के बीच जाकर, आँखों से तस्वीर देखकर योजनाएं बनाते हैं, सचिवालय के चेंबर में बैठकर नहीं। उनके नेतृत्व में एक ओर बिहार बढ़ता दिखाई दे रहा है, तो दूसरी ओर बिहार देश को भी दिशा दे रहा है। उन्होंने कहा कि आज केन्द्र में बैठे लोग जो कर रहे हैं, इसके विरोध में बड़े आंदोलन की जरूरत है। ये लोग न केवल संसदीय परंपराओं को बल्कि देश का प्रतीक माने जाने वाले अशोक स्तंभ तक को बदल रहे हैं। ऐसी तानाशाही प्रवृत्ति का कड़ा प्रतिरोध होना चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि आज हमारा देश एक निर्णायक मोड़  पर खड़ा है। अपने नेता के नेतृत्व में हमें भाजपा-मुक्त भारत का शंखनाद करना है। ऐसे में हम सभी के कंधे पर कितना बड़ा दायित्व है, ये कहने की जरूरत नहीं। हमारा मिशन 2024 है और लक्ष्य है 40 में 40 सीटें जीतना। प्रभारी पदाधिकारियों से उन्होंने कहा कि पार्टी ने बड़ी अपेक्षा और विश्वास के साथ आपलोगों को जिम्मेदारी दी है। आपलोग अपने प्रभार वाले क्षेत्रों में अपना सर्वश्रेष्ठ दें। जदयू के झंडे को हमें और बुलंद करना है।
ध्यातव्य है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह जी ने कल उद्घाटन सत्र को संबोधित किया था। दो दिवसीय संसद में जिन वक्ताओं ने अलग-अलग विषयों पर अपनी बातों को रखा, वे वक्ता हैं दृ श्री बशिष्ठ नारायण सिंह, श्री उमेश सिंह कुशवाहा, श्री नीरज कुमार, श्री ललन सर्राफ, श्री रवीन्द्र प्रसाद सिंह, डाॅ0 अमरदीप, श्री सुनील कुमार, डाॅ0 राधेश्याम राम एवं श्री संजीव कुमार। कार्यक्रम का संचालन मुख्यालय प्रभारी श्री चंदन कुमार सिंह ने किया।

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